परिवार के साथ जा रहे है मनाली घूमने तो इन जगहों पर जाए घूमने , ट्रेकिंग ,पैराग्लाइडिंग के साथ ले ट्रिप का मजा

Saroj Kanwar
3 Min Read

मनाली प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ एक शहर है जो कि हिमाचल प्रदेश में स्थित है । यह जगह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। देश के टॉप 10 पर्यटन स्थलों सालों की बात करे तो इसमें मनाली का नाम लिया जाता है। हर साल हजारों की तादाद में लोग मनाली विजिट के लिए पहुंचते है। आप भी अगर मनाली घूमने का प्लान बनाया हैं तो मौजूद कुछ खास जगह को एक्सप्लोर करना ना भूले। ये जगहें आपकी फैमिली ट्रिप को हमेशा के लिए यादगार बना सकती हैं।

ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज की शौकीन लोगों के लिए मनाली काफी अच्छी जगह है। आप यहां आकर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का भी दीदार कर सकते हैं। यहां जानते हैं मनाली घूमने वाली जगह।

मनाली घूमने के स्थान

हिडिम्बा देवी मंदिर

हिडिम्बा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश की मनाली शहर में स्थित एक प्राचीन लकड़ी का मंदिर है। यह देवी हिडिम्बा को समर्पित है जो महाभारत के अनुसार भीम की पत्नी थी। यह लकड़ी की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। मंदिर का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है मंदिर लकड़ी से बना है और इसकी वास्तुकला बहुत अनोखी है।

रोहतांग दर्रा

यह दर्रा कुल्लू घाटी और लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच काफी ऊंचाई पर स्थित एक उच्च पर्वत दर्रा है। यह हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी की पूर्वी भाग में मनाली से 51 किलोमीटर दूर है। रोहतांग दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां से हिमालय की चोटियों को मनोरम दृश्य दिखाई देता हैं यह दर्रा ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के लिए भी लोकप्रिय है।

सोलंग घाटी

मनाली से लगभग 14 किलोमीटर दूर सोलंग घाटी स्थित है। यह घाटी अपनी खूबसूरती के लिए पहचानी जाती है। यहां आकर पर्यटक पैरा ग्लाइडिंग ,स्कीइंग , जॉर्बिंग इन जैसी एक्टिविटी का लुत्फ़ उठा सकते हैं। सोलंग घाटी जाने का सबसे अच्छा समय मई से नवंबर के बीच है। जब मौसम सुखद होता है।सोलंग घाटी को ‘स्नो वैली ‘के नाम से भी जानते हैं।

वशिष्ठ मंदिर

मनाली शहर से 3 किलोमीटर दूर वशिष्ठ गांव में यह प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर ऋषि वशिष्ठ को समर्पित जो भगवान राम के गुरुदेव है। यह मंदिर लकड़ी से बना और उसकी वास्तुकला देखने लायक है। मुख्य मंदिर का मुख्य द्वार एक विशाल लकड़ी के तोरण से सजा हुआ है मंदिर के गर्भ ग्रह में ऋषि की लकड़ी की मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ ने इस स्थान पर ध्यान किया था और यहां एक मंदिर की स्थापना की थी।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *