काशी उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है। काशी का एक नाम वाराणसी भी है। काशी को भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक कहा जाता है। यहां अनेक प्राचीन मंदिर हैं, जहां रोज लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। इन मंदिरों में से सबसे प्रमुख है विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग। ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से सातवें स्थान पर आता है।
सप्तपुरियों में से एक है काशी
धर्म ग्रंथों में सप्तपुरियों का वर्णन मिलता है। भारत के 7 सबसे प्राचीन और पवित्र शहर। काशी भी इनमें से एक है। शिवपुराण के अनुसार प्रलयकाल में जब समस्त संसार का नाश हो जाता है, उस समय भी काशी अपने स्थान पर रहती है। प्रलय आने पर महादेव इसे अपने त्रिशूल पर धारण कर लेते हैं और सृष्टि काल आने पर इसे नीचे उतार देते हैं। कहते हैं कि काशी में प्राण त्याग करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यहां मरने की आशा से आते हैं लोग
काशी में लोग मरने आते हैं। काशी में मुक्ति भवन नाम का एक मकान हैं। जो लोग मरणासन्न स्थिति में होते हैं, उनके परिजन उन्हें यहां लेकर आते हैं और कमरा किराए पर रहकर रहते हैं। मान्यता है कि काशी में मृत्यु होने पर उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होगी।
कैसे पहुंचे काशी विश्वनाथ?
- वाराणसी जंक्शन और मुगल सराय जंक्शन। यह दोनों शहर से पूर्व की ओर 15 किमी दूर है।
- काशी पूरे देश के प्रमुख राजमार्गों से सीधा जुड़ा हुआ है। राज्य के सभी शहरों से बसें आसानी से मिल जाती है।
- काशी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। दिल्ली, लखनऊ, मुम्बई, खजुराहो और कोलकाता आदि से सीधी उड़ानों के द्वारा आप यहां पहुंच सकते है।