केवल 250 रूपये का निवेश आपकी बेटी के भविष्य को बना देगा सुरक्षित ,मिलेगा 27,71,031 रूपये का रिटर्न

Saroj Kanwar
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भारत सरकार एक महत्वपूर्ण योजना है जो खासकर बेटियों को एक सुरक्षित और आर्थिक संबल के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत माता-पिता अपनी बेटी के नाम से खाता खोल सकते है और मात्र ₹250 की शुरुआती राशि के साथ इस योजना में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं /खाता किसी भी पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक में खुलवाया जा सकता है ।

योजना की विशेषताएं
250 सो रुपए से शुरू कर सकते हैं निवेश –
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश न्यूनतम निवेश केवल ढाई सौ रुपए से शुरू किया जा सकता है जिससे यह योजना हर आयी और वर्ग के लिए सुलभ है।
अधिकतम डेढ़ लाख रुपए प्रति वर्ष जमा किए जा सकते हैं।
एक लंबी अवधि की बचत योजना जिसमें 8.2% की ब्याज दर मिल रही है जो आपके निवेश को बढ़ाने में सहायक है।

मैच्योरिटी समय वाराणसी से निकासी का विकल्प

इस योजना की मैच्योरिटी अवधि की सलाह लेकर निवेश केवल पहले 15 सालों तक करना होता है।
यदि बेटी की शिक्षा ,शादी के लिए पैसे की आवश्यकता होती है जो 18 साल की उम्र के बाद निवेश राशि का 50% हिस्सा निकाला जा सकता है।


दो बेटियों के लिए खाता खुलवाने का विकल्प

केवल 250 रूपये का निवेश आपकी बेटी के भविष्य को बना देगा सुरक्षित ,मिलेगा 27,71,031 रूपये का रिटर्न
इस योजना में एक परिवार को अधिकतम दो बेटियों के लिए खाता खुलवाने की अनुमति है जिससे योजना का लाभ ज्यादा परिवारों तक पहुंच सके।
खाता खोलने के लिए बेटी की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए।

कैसे पाएं ₹27,71,031 की मैच्योरिटी राशि?

यदि आप इस योजना के तहत एक बड़ा कोष तैयार करना चाहते हैं तो ₹5000 महीने का नियमित निवेश करें। इसके आधार पर ब्याज दर 8.2% के हिसाब से 15 वर्षो के लिए में आपका मूल निवेश 9 लाख रुपये हो जाएगा, और इसके ब्याज से 18,71,031 रुपये की अतिरिक्त राशि भी अर्जित होगी। इस प्रकार बेटी की उम्र 21 साल की उम्र होने पर कुल ₹27,71,031 राशि की मेच्योरिटी राशि प्राप्त होगी। यह राशि बेटी की उच्च शिक्षा या विवाह के खर्च को पूरा करने के लिए बहुत सहायक साबित हो सकती है।

कौन ले सकता है इसका लाभ

सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ केवल बेटियों के लिए है। इसमें बेटी के नाम पर खाता खुलवाने के लिए माता-पिता या कानूनीअभिभावक पात्र होते हैं। इस योजना का उद्देश्य बेटियों का आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना है और उनकी शिक्षा तथा विवाह के लिए पूंजी तैयार करना है।

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