रेखा की फिल्म से अपने कॅरियर की दुनिया में कदम रखने वाला वह एक्टर जिन्होंने माधुरी दीक्षित ,पद्मिनी कोल्हापुरी और डिंपल कपाड़िया के साथ भी काम किया लेकिन साल 1989 के बाद उनका फिल्मी करियर का फ्लॉप दौर शुरू हो गया। वेब सीरीज में एक्टर ने खूबवाहवाही लूट रहे है। एक्टिंग की दुनिया का वह सितारा जिसे टीवी और फिल्म दोनों जगह अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। अपने करियर में हर तरह की किरदार निभाए। कभी माधुरी दीक्षित के ड्राइवर भी बने। वह कोई और नहीं जाने माने एक्टर शेखर सुमन है जो 1 मई को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुयी संजय लीला भंसाली द्वारा डायरेक्ट की गई ‘हीरामंडी’ में नजर आ रहे हैं।
करियर की पहली फिल्म पाने के लिए शेखर को ज्यादा पापड़ नहीं बेलने पड़े
शेखर सुमन ने अपने करियर की शुरुआत साल 1984 में रेखा की फिल्म’ उत्सव ‘से की थी। इस फिल्म में उन्होंने रेखा के साथ के इंटीमेट सीन दिए थे। करियर की पहली फिल्म पाने के लिए शेखर को ज्यादा पापड़ नहीं बेलने पड़े।उन्हें आसानी से उन्हें फिल्म काम मिल गया। वह तो यकीन ही नहीं कर पा रहे थे कि उन्हें फिल्म में साइन कर लिया गया है। शेखर सुमन ने ‘ हीरा मंडी ‘में काम करने के बाद बॉलीवुड में बताया था कि मुंबई आते ही जानकर की मदद से उनकी मुलाकात शशि कपूर से हो गयी। पहली नजर में ही उन्होंने शशि कपूर ने उन्हें कहा कि वह डायरेक्टर से जाकर मिले और कहे की रेखा के साथ ही फिल्म करनी है। कुछ इस तरह उन्हें पहली फिल्म का मौका मिला थ।
1989 तक शेखर का कॅरियर ठीक ठाक चला था
अपने इंटरव्यू में उन्होंने आगे बताया की उत्स्व से पहले उन्हें ‘मानव हत्या ‘नाम की फिल्म के लिए साइन किया गया। जिसका बजट बहुत कम था। इस फिल्म में उन्होंने माधुरी के साथ काम किया उस वक्त वह नई हीरोइन थी लेकिन शूट पर बजट की कमी की वजह से वह अपनी बाइक पर माधुरी को लेने जाते थे। फिल्म के लिए वह रोज माधुरी के ड्राइवर की तरह उन्हें लेनेजाते थे। इसके बाद साल 1989 तक शेखर का कॅरियर ठीक ठाक चला था लेकिन उसके बाद उनकी कोई फिल्म नहीं चली। उन्होंने टीवी पर भी काम किया। एक वक्त तो उनकी पत्नी ने भी घर चलाया था।
अध्ययन का 15 साल का संघर्ष खत्म हो सकता है
कुछ ऐसा स्ट्रगल उनके बेटे अध्ययन सुमन को भी देखना पड़ा। 15 साल तक उन्होंने अच्छे रोल के लिए संघर्ष किया। बता दें की शेखर सुमन और बेटे अध्ययन दोनों ही भंसाली की पापुलर सीरीज ‘हीरा मंडी’ के नवाबह किरदार में नजर आये ।जहाँ शेखर सुमन ने काफी समय बाद अपने नवाब के किरदार वही लूटी। वहीं अध्ययन का 15 साल का संघर्ष खत्म हो सकता है। उनके रोल को भी सीरीज में काफी पसंद किया गया।