मच्छरों का आतंक समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है। घरों में आजकल आपके मोटे-मोटे मच्छर देखने को मिल जाएंगे जिनकी काटने से खुजली होने लगती है। मच्छर को काटना और उसके बाद होने वाली खुजली होना एक छोटी समस्या है। लेकिन नजरअंदाज करने पर यह संक्रमण गंभीर लक्षणों को बढ़ावा दे सकता है।
मच्छर ऐसी कई बीमारियों को फैला सकते हैं जो जानलेवा साबित हो सकती है। दुनिया भर में हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत मच्छरों के फैले संक्रमण की वजह से हो जाती है। आज इस कड़ी में हम आपको खतरनाक बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मच्छरों के काटने से होती है। सावधानी बरतकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
मलेरिया
मानसून में सबसे ज्यादा परेशान मच्छरों से होने वाली बीमारियां करती है। इस बीमारी का नाम है मलेरिया। यह बीमारी फीमेल एनोफेलीज मच्छर मच्छर के काटने से होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को भी बुखार ,सिर दर्द ,बदन दर्द ,कमजोरी ,चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए व्यक्ति को पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनना चाहिए। इसके अलावा अपने आसपास साफ सफाई का भी ध्यान रखें। घर के आसपास जल भराव ना होने दे। समय -समय पर मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की नालियों के आसपास स्प्रे करवाए।
चिकनगुनिया
यह भी एक वायरस बिमारी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन के मुताबिक ,लोगों में चिकनगुनिया का वायरस संक्रमित संक्रमित एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से फैलता है। संक्रमण का सबसे आम लक्षण बुखार और जोड़ों में दर्द है। इसके अलावा सर दर्द , मांसपेशियों में दर्द ,जोड़ों में सूजन या शरीर पर चकत्ते जो अन्य लक्षण शामिल है।
चिकनगुनिया वायरस की संक्रमण को रोकने के लिए मौजूदा समय में कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है इससे बचाव के लिए चिकनगुनिया संक्रमित इलाको में न जाने , पूरे बदन को अच्छे सेढकने के लिए लंबी बाजू की शर्ट और पैंट पहने औरएयर कंडीशनिंग वाले जगहों पर रहने व अपने खिड़की, दरवाजों पर स्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।
जिका वायरस
जीका वायरस एक संक्रमित एडीज से काटने से फैलता है। वही मच्छर जो चिकनगुनिया के साथ डेंगू वायरस भी फैलाते हैं। जीका वायरस मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधी और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होता है। जीका वायरस संक्रमित अधिंकाश लोगों में कोई लक्षण या लक्षण नहीं दिखते। हालाँकि जब लक्षण दीखते हैं तो आम तौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 2 से 7 दिनों के बाद शुरू होते हैं। अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं । लक्षण एक सप्ताह में ठीक हो जाते हालांकि गर्भवती महिलाओं में यह गंभीर होता है क्योंकि इसमें बच्चों में छोटे सिर और मस्तिष्क क्षति जैसे जन्म दोष हो सकते हैं।
इंसेफेलाइटिस
यह भी एक मच्छर जनित बीमारी है लेकिन बाकी की तुलना में अधिक खतरनाक है क्योंकि यह रीड की हड्डी के आसपास सूजन का कारण बनती है जो मस्तिष्क तक पहुंच सकती है समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग पूरे शरीर में फैल जाता है। पिछले कुछ सालों में भारत में इंसेफेलाइटिस के मामले धीरे-धीरे बढ़े हैं। जिन लोगों को इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें इंसेफेलाइटिस होने का खतरा ज्यादा होता है । शुरुआती लक्षणों में बुखार , ठंड लगना , जोड़ों में दर्द ,मांसपेशियों में दर्द , थकान और दौरे शामिल है।