वीकेंड का मजा उठाने के लिए लोग घूमने जाना पसंद करते हैं और बात करें महाराष्ट्र के लोगों की तो खूबसूरती स्टेशन माथेरान जाने की चाहत रखते है। महाराष्ट्र का बेहद आकर्षक और खूबसूरत हिल स्टेशन माथेरन मुंबई से तकरीबन 108 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। लोग शहर के भीड़ भाड़ से दूर स्थित इस माथेरान स्टेशन काफी अधिक संख्या में जाते हैं। यह स्टेशन उन पर्यटकों के लिए काफी लोगप्रिय है जो शानदार वातावरण और शांति के पीछे छोटी यात्रा की तलाश में रहते हैं।
यहां आप प्रदुषण रहित वातावरण, आकर्षक दृश्य, ठंडी हवा के झौंके, दूर तक फैली हरी-भरी घाटी, उड़ते बादल और पर्वतों का खूबसूरत नज़ारा आदि को देख मंत्रमुग्ध को उठेंगे। हम आपको माथेरान के दर्शन स्थलों की जानकारी देने जा रहे है जो घूमने के लिहाज से बेहतरीन मानी जाती है।
लुईसा प्वाइंट
लुईसा प्वाइंट माथेरान में सबसे ज्यादा घूमने वाले प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में से एक है। यहां की सुंदरता और मनोरम दृश्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पर्याप्त होते हैं। लुईसा पॉइंट माथेरान के की ऐसी जगह है जहां से प्राकृतिक सुंदरता का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। लुइस पॉइंट के आकर्षक नजारो को देखने के लिए यहां पर पर्यटकों के भारी मात्रा की भीड़ लगी रहती है। एक बार जब यहां पहुंच जाएंगे तो इसकी खूबसूरत दृश्य को ठंडी ठंडी हवा को फील कर सकते हैं जो आपकी सारी थकान और परेशानियों को भूलने पर मजबूर कर देंगे।
चारलोटी झील
चारलोटी झील
चारलोटी झील माथेरान के दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह पिकनिक मनाने के लिए बेहद आकर्षक जगह है। जहाँ प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ़ उठाया जा सकता है। कहा जाता है कि इस झील से ही माथेरान के लिए पानी सप्लाई होता है । झील के एक तरफ भगवान शिव का पुराना मंदिर है जिनके दर्शन के लिए आप जा सकते है। इस मंदिर का अनूठा पहल उसका शिवलिंग है जो सामान्य काले लोगों की विपरीत सिंदूर से लिप्त है और एक तरफ झुका हुआ है।
शिवाजी की सीढ़ी
शिवाजी की सीढ़ी पर एक रस्सी पर चलकर जाने वाला रास्ता है। जहां वन ट्री हिल और माथेरान घाटी के बीच स्थित है। हरे भरे जंगल से घिरा यह माथेरान सबसे लोकप्रिय ट्रैकिंग पॉइंट्स में से एक तरह के डाउनहिल है जो सीढ़ी का आकार का एक रास्ता है। शिवाजी सीढ़ी पूरी तरह से हरे -भरे जंगलो घिरा हुआ है। इस कारण इसे लोकप्रिय ट्रैकिंग ट्रेकिंग पॉइंट्स भी है। । कहा जाता है यह मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी ने माथेरान में अपनी शिकार यात्रा के लिए इस मार्ग का उपयोग किया था ।