हिंदू धर्म में पार्थिव शिवलिंग के निर्माण और पूजा का विशेष महत्व है। लोग सावन में और सोमवार , शिवरात्रि ,प्रदोष व्रत और आदि पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा करते हैं। सावन के महीने मिट्टी से बने पार्थिव शिवलिंग को पूजा का विशेष महत्व बताया गया। क्योंकि शिवलिंग का निर्माण शुद्ध चीजों के इस्तेमाल जैसे शुद्ध मिट्टी ,गंगाजल। गाय का घी। गाय का गोबर केउपलों की राख आदि पवित्र चीजों को मिलाकर किया जाता है। इसलिए इस शिवलिंग का खास महत्व होता है।
भगवान के प्रति संपूर्ण भाव को समर्पित है
पार्थिव शिवलिंग का निर्माण और इसकी पूजा को सावन के महीने की काफी महत्वपूर्ण होता है। सावन के महीने में हिंदू पंचांग विशेष रूप से पवित्र महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। इसके महीने में धार्मिक कार्य भगवान शिव के प्रतिभक्ति और पूजा और विशेष समर्पण विशेष महत्व होता है। अगर ऐसे में कोई भक्त पूरी श्रद्धा और भाव से भगवान शिव का प्रतीक शिवलिंग का निर्माण करता है तो भोलेनाथ सभी इच्छाओं को पूरा कर देते हैं। पार्थिव शिवलिंग का अर्थ होता है मिट्टी से बना हुआ शिवलिंग यह पूजा शिवलिंग की शुद्धता और साकारता को दर्शाती हैशिव भक्ति में अधिक साकार अनुभव कराती है। भगवान शिव का पार्थिव स्वरूप भक्त के भगवान के प्रति संपूर्ण भाव को समर्पित है।
सावन के महीने की शिवरात्रि के दिन पार्थिव शिवलिंग की विशेष महत्व माना गया है
सावन के महीने की शिवरात्रि के दिन पार्थिव शिवलिंग की विशेष महत्व माना गया है। सावन और शिवरात्रि दोनों ही भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। इस दौरान भगवान शिव की कृपा पूजा का विशेष महत्व पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा से शिव कृपा प्राप्त होती है। शिव पुराण की कथा के अनुसार ,पार्थिव शिवलिंग की पूजा को भगवान शिव के सभी रूपों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण फलदाई माना गया है। शिव पुराण के अनुसार सावन के महीने में शुद्ध मिट्टी और अन्य चीजों का इस्तेमाल कर पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करने से हाथों की रेखाएं बदलती है और जीवन में अगर कुछ बुरा होने वाला है वह टल जाती है।
पर्थिव पूजा वास्तव में एक प्रकार ध्यान विधि है
महेश्वर तंत्र के अनुसार ,पर्थिव पूजा वास्तव में एक प्रकार ध्यान विधि है। जहां सृष्टि की उत्पत्ति ,स्थिति और संहार, एक ही अनुष्ठान का हिस्सा बनते हैं। मिट्टी से हम शिवलिंग बनाते हैं फिर पूर्ण माया योग से शिवजी मानकर उसकी उपासना करते हैं और पूजा के बाद विसर्जित कर देते है सावन के सोमवार के दिन भारतीय शिवलिंग की पूजा करना बड़ा ही फल दायी माना जाता है। पार्थिव शिवलिंग पूजन में मिट्टी का शिवलिंग बनाया जाता है उसकी विधि पूर्ण पूजा की जाति और बाद में इसे विसर्जित करदिया जाता है।