प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर एक बहुत ही राहत भरी खबर सामने आयी है। प्रदेश के किसानों को जल्दी पसंद बीमा का मुआवजा दिया जाए प्रमुख शासन से जीने भी मन कंपनी की प्रतिनिधियों को निर्देश दिया किसानों को जल्दी फसल बीमा के मुआवजे का भुगतान करें ताकि उन्हें राहत मिल सके बैठक में प्रमुख शासन सचिव ने बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए हैं की वे किसानो को जल्द प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की लंबित परीकरणों को तुरंत प्रभाव से पूरा कर बीमित किसानों का मुआवजे का लाभ जल्दी से जल्दी दी जाएगी ।
खऱीफ 2023 का अब तक 887 करोड़ रुपए का क्लेम किसानों को स्वीकृत किया जा चुका है
बैठक में प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में कहा की खऱीफ 2023 का अब तक 887 करोड़ रुपए का क्लेम किसानों को स्वीकृत किया जा चुका है। अब शेष राशि भुगतान भी जल्दी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रबी 2023 -24 के लिए बीमा कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी में से करीब 461 करोड रुपए की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। बैठक में रबी फसल 2023 तो इसकी फसल कटाईफसल कटाई प्रयोगों में आ रही आपत्तियों का भी जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए गए।
राजस्थान सरकार के प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी वैभव गलारिया ने कंपनियों को निर्देशित किया है कि वह जल्दी ही से जल्द किसानो की बकाया क्लेम का निपटारा करें । प्रमुख सचिव कृषि एवं उद्यानिकी ने बिमा कंपनियों को यह निर्देश बीते दिनों पंत कृषि भवन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बीमा कंपनियों की प्रतिनिधियों के साथ हुयी समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
रोका बुवाई/रोपण/अंकुरण जोखिम
प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना के तहत किसानों के दावा राशि का भुगतान तब किया जाता है जब उनके द्वारा इसका बीमा क्लेम कैसे बीमा क्लेम किया जाता है। फसल के अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग होती है । बीमित क्षेत्र में बुवाई /रोपण /अंकुरण से घाटे की बारिश या प्रतिकूल मौसम की स्थिति का कारण रोका जाता है। इससे बीमा राशि का 25 भुगतान राशि किया जाता है और पॉलिसी समाप्त हो जाती है।
कैसे करे फलस बिमा के लिए क्लेम
रोका बुवाई/रोपण/अंकुरण जोखिम व मिड सीजन प्रतिकूलता के मामले में क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण लागू होता है। इससे व्यक्तिगत रूप से किसानों को सम्मिलित करने की आवश्यकता नहीं होती। इसमें राज्य सरकार द्वारा अनुमानित नुकसान के आधार पर बीमा क्लेम दिया जाता है। इसमें राज्य सरकार के द्वारा बीमा कंपनी को नुकसान की रिपोर्ट भेजी जाती है।
पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान /स्थानीय आपदाओं के मामले में फसल क्षति का आकलन व्यक्तिगत बीमा कृषि क्षेत्र के आधार पर किया जाता है इसमें किसान या नामित एजेंसी के नुकसान की जानकारी दर्ज करना आवश्यक है। किसानों को 72 घंटे के अंदर बीमा कंपनी ,संबंधित बैंक ,स्थानीय स्थानीय कृषि विभाग या जिला अधिकारियों या बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर फसल नुकसान की सूचना देना जरूरी होता है।