Mughal Harem Secrets: मुग़ल विदेशी थे और भारत में आक्रान्तो की तरह आए थे, मुगलों की जीवनशैली भारतीय लोगो से बहुत अलग थी और कई मामलों में विवादास्पद भी थी। विशेष रूप से,मुगलों का हरम हमेशा ही चर्चा का विषय बना रहा है। हरम में रहने वाली महिलाओं की कहानियाँ बहुत दिलचस्प रही हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हरम में रहने वाली महिलाओं को भी वेतन दिया जाता था। यहाँ तक कि मुगलों की बेगमों और बेटियों को भी भारी वेतन दिया जाता था।
बाबर भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना बाबर ने करी थी। उन्होंने अपनी रानियों, शहज़ादियों और हरम में महिलाओं के लिए वेतन देने की व्यवस्था भी शुरू करी। भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की शोध पत्रिका ‘इतिहास’ के अनुसार, मुगल सम्राट हरम में रहने वाली महिलाओं को वेतन देते थे। इस लेख के अनुसार, शाही हरम में रहने वाली प्रत्येक महिला को कुछ नकद वेतन दिया जाता है। साथ ही, जागीर और चुंगी के अधिकार शेष राशि के बराबर दिए गए थे।
बेगम जहांआरा को मिलता था सबसे अधिक वेतन:
इतिहास में शाहजहां की बेटी और औरंगजेब की बहन जहांआरा बेगम को सबसे अधिक वेतन मिलने के उल्लेख मिलते है। जहांआरा को 7 लाख रुपये सालाना वेतन मिलता था। लेकिन उनकी माँ मुमताज बेगम की मौत के बाद उनके वेतन में 4 लाख रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई। बेगम जहांआरा का वेतन फिर से बढ़ा दिया गया और उनका वार्षिक वेतन 17 लाख रुपये था। आज के समय में 17 लाख का वेतन 1 करोड़ रुपये से अधिक है।
जहांआरा को कई जागीरों का राजस्व भी शामिल:
जहांआरा के वेतन में कई जागीरों से मिलने वाला राजस्व भी शामिल था। इसमें पानीपत के पास की एक जागीर भी शामिल थी, जिससे एक करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ करता था । इसके अलावा जहांआरा सूरत के बंदरगाह से भी शुल्क के रूप में पैसे लेती थी।
हुमायूं से लेकर अकबर तक हर कोई वेतन देता थाः
हुमायूँ के समय शुरू हुई महिलाओ को वेतन देने की प्रथा को अकबर के समय तक चलाया गया था। शाहजहां के समय में भी शाही महिलाओं और हरम में रहने वालों को पर्याप्त वेतन और जागीरें दी जाती थीं।