मुहांसे एक सामान्य त्वचा समस्या है जो किशोरवस्था में हार्मोनल बदलाव के कारण उत्पन्न होती है। यह समस्या केवल किशोर तक सीमित नहीं है बल्कि वयस्कों में देखी जा सकती है। आयुर्वेदिक प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके समस्या का समाधान किया जा सकता है इसलिए लेख हम सेमल की छाल के औषधीय गुना और उसके माध्यम से मुंहासे के उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सेमल का पेड़ जिसे कपासी शीशम भी कहा जाता है भारत व्यापक रूप से पाया जाता है इसके फूल और छाल में कहीं औषधीय गुण होते है सेमल की छाल में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक बैक्टीरिया गुण होते हैं जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं।
सेमल की विशेषताएं
औषधि गुण -सेमल की छाल में एंटीऑक्सीडेंट ,एंटी माइक्रोबियल रक्त को साफ करने वाले गुण होते हैं।
त्वचा के लिए लाभ- यह त्वचा अच्छा पर मौजूद बैक्टीरिया को मारने और मुहासे को हटाने में मदद करती है ।
मुहांसे क्या है
मुहांसे तब होते हैं जब त्वचा में रोम छिद्र हो बंद हो जाते हैं उनमें सीबम और मृत कोशिकाएं जमा हो जाती है इसी बैक्टीरिया पर पनपने लगते हैं जिससे सूजन और लालिमा होती है।
सेमल की छाल का उपयोग ‘
सेमल की छाल का उपयोग मुंहासों के इलाज के लिए कई तरीकों से किया जा सकता है:
एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण
सेमल की छाल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
बैक्टीरिया का नाश
ये बैक्टीरिया को मारने में सहायक होती है जिससे मुहांसो की समस्या कम होती है।
स्किन टोन सुधारना
सेमल की छाल का उपयोग करने से त्वचा की रंगत में सुधार होता है और यह दाग धब्बों को कम करती है।
सेमल सेमल की छाल का उपयोग कैसे करें
सेमल की छाल का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है यहां कुछ सरल विधियां दी गयी है।
सामग्री
सेमल की छाल 100 ग्राम
पानी (आवश्यकतानुसार)
विधि:
सेमल की छाल को अच्छी तरह धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें।
इसे पानी के साथ पीसकर एक पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 30 मिनट बाद धो लें।
दूध और सेमल कांटे का लेप
सामग्री:
सेमल के कांटे (5-6)
दूध (50 मिलीलीटर)
विधि:
कांटों को घिसकर दूध में मिलाएं।
इसे चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लें।