पूर्णिमा पर कर रहे है भगवान विष्णु की पूजा तो ये नियम जान ले ,छोटी सी भूल कर सकती है रुष्ट माँ लक्ष्मी को

Saroj Kanwar
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इस साल 23 मई को वैशाख पूर्णिमा है जिसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। भगवान बुद्ध को भी भगवान विष्णु का नया अवतार माना गया है। बुद्ध पूर्णिमा को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा से मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन इस दिन विष्णु प्रिया तुलसी से जुड़ी गलतियां धन की देवी को नाराज कर सकते हैं ।

यहां जानते उन गलतियों के बारे में।

तुलसी का स्पर्श न करना

बुद्धि पूर्णिमा के दिन शाम के समय तुलसी की पूजा के दौरान पौधे को स्पर्श करने से बचना चाहिए। इस समय तुलसी के पौधे को स्पर्श करने से माता लक्ष्मी नाराज होने का डर रहता है।

खुले बाल न रहे

मान्यता है की माता तुलसी की पूजा के दौरान महिलाओं को अपने बाल हमेशा बांध कर रखना चाहिए। पूजा के दौरान बाल खुले रहने से देवी लक्ष्मी जी नाराज होने का डर रहता है।

पत्तियां तोड़ने में सावधानी

बुद्ध पूर्णिमा को भगवान विष्णु की पूजा के लिए तुलसी की पत्तियों को सावधानी से तोड़ना चाहिए। बेहतर होगा कि एक दिन पहले ही पत्तिया तोड़कर रख ले। अगर पत्तियां तोड़नी जरूरी हो तो नाखून का उपयोग कर पत्तियां तोड़ने से बचें।

तुलसी की परिक्रमा

तुलसी की पूजा और जल के बाद पौधे की परिक्रमा जरूर करें। तुलसी में जल देने के बाद तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए। परिक्रमा नहीं करने पर माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है।

भगवान विष्णु को तुलसी चढ़ाये

बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को पूजा में तुलसी के पत्ते जरुर चढ़ाएं। इसके साथ ही हाथ में तुलसी माला लेकर मां लक्ष्मी के मंत्र – ऊं श्रीं ह्नीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: का पाठ करें।

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