बनारस में घूमने के लिए जा रहे है तो मंदिरो को देखना न भूले ,नहीं तो अधूरी रह जाएगी यात्रा

Saroj Kanwar
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भारत की धार्मिक राजधानी वाराणसी के मंदिरों की यात्रा को बिना याद भारत की यात्रा अधूरी है। दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक वाराणसी शहर सदियों से भारतीय संस्कृति का केंद्र बना हुआ है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी को काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है। वाराणसी शहर घूमने के लिए लोग दुनिया के हर कौणे से आते हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के समय एनी बेसेंट के थियोसोफिकल सोसायटी का केंद्र था। इसी दौरान बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना में मदन मोहन मालवीय जी के द्वारा की गई थी। बनारस घूमने आने वाले लोगों के यहां पर देवी शक्तियां महसूस होती है। अगर आप धार्मिक स्थान के दर्शन करना चाहते हैं और घूमने की शौकीन है तो आपको बनारस घूमने जाने का प्लान जरूर करना चाहिए। हम आपको उन मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां जाकर आपको सुकून महसूस होता है।

मृत्युंजय महादेव मंदिर

यह मंदिर भगवान काल भैरव के नजदीकी ही स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर के पानी का प्रयोग करने से शरीर में होने वाले सभी रोग दूर हो जाते है। मान्यता है कि मंदिर की परिसर में जो पानी है वह भूमि की धाराओं से मिलकर बना है। इसलिए यहां के पानी से जुड़ी कई मान्यताये है जिसे यहां के लोग काफी विश्वास भी करते हैं।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ,वाराणसी

वाराणसी का यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। यहां भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है। इस मंदिर को देखने के लिए हर रोज हजारों की भीड़ में लोग वाराणसी पहुंचते हैं। इसी स्वर्ण मंदिर भी कहते हैं। क्योंकि मंदिर का ऊपरी हिस्सा सोने का मढ़ा हुआ है। इसे पूरे देश में महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है। कहते हैं कि सिर्फ शिवलिंग के दर्शन करते हैं तो लोगों की आत्मा शुद्ध हो जाती है।

संकट मोचन हनुमान मंदिर ,वाराणसी

संकट मोचन हनुमान मंदिर भगवान राम और हनुमान जी को समर्पित है। ये अस्सी नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर को भी मदन मोहन मालवीय की मदद से बनवाया गया। इस मंदिर की बहुत मान्यता है। बनारस के आने वाले लोग संकट मोचन मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं। मंदिर की परिसर में बहुत सारे बंदर मौजूद है जिनसे आपको सावधान रहने की जरूरत है।

काल भैरव मंदिर ,वाराणसी

बनारस आने वाली हर व्यक्ति को काल भैरव मंदिर के दर्शन जरूर करना चाहिए। यह मंदिर बहुत ही भव्य और पुराना है। काल भैरव को काशी के कोतवाल के नाम से जाना है। कहा जाता है कि उनकी मर्जी के बिना कोई भी व्यक्ति वाराणसी में एक दिन भी नहीं रह सकता है।

माँ अन्नपूर्णा मंदिर

काशी की गलियों में काशी विश्वनाथ मंदिर के नजदीक ही मां अन्नपूर्णा देवी का मंदिर स्थित है। माँ अन्नपूर्णा को धन की देवी का मंदिर है। इस मंदिर में माँ को 56 प्रकार के भोग बनाकर चढ़ाया जाता है। यहां भक्तों की बड़ी भीड़ लगती है। बनारस घूमने जाने वाले लोगो को यहां पर दर्शन करने जरूर करना चाहिए।

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