ICMR ने जारी की खाना पकाने को लेकर गाइडलाइन जारी ,गलत तरिके से खाना पकाकर कर रहे है खुद को बीमार

Saroj Kanwar
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खुद को स्वस्थ रखने के लिए खान-पांच सही रखना सबसे ज्यादा जरूरी है इसमें थोड़ी सी लापरवाही आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकती है। कुकिंग के लिए बनाया गया गलत तरीका में सेहत को नुकसान हो सकता है। इसीलिए अगर इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च ने गाइडलाइन जारी की है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक स्वस्थ भोजन तैयार करने के लिए कुकिंग और प्री कुकिंग तकनीक सही होना सबसे सुरक्षित और प्रैक्टिकल इस्तेमाल भी काफी अहम है। कुकिंग में हल्की सी भी लापरवाही भोजन से न्यूट्रिशन को खत्म कर सकती है। ऐसे में ICMR की कुकिंग गाइडलाइन फॉलो कर अगर कुकिंग को सेफ रख सकते हैं।

एंजाइम्स को खत्म करने के काम आता है जो सब्जी से पोषण तत्वों को कम करते हैं

भोजन की न्यूट्रिशन क्वालिटीबढ़े के लिए ऐसी में आने फ्री कुकिंग मेथड जैसे शॉपिंग मैचिंग और मेरी नैतिक पर काफी जोर दिया है। सोकिंग की प्रक्रिया के दौरान आज को तकरीबन 3 से 6 घंटे के लिएभिगोया जाता है इसमें अनाज में मौजूद फाइटिंग एसिड कम होता है ये एसिड बॉडी के मिनरल से अब्जॉर्ब करने से रोकता है। वही सब्जियों को बलोच करने से उसका माइक्रोबियल लोड कम होता है और पोस्टिसाइड हटता है साथ ही सब्जी के रंग बनावट और पोष्टक तत्व में कोई बदलाव नहीं आता इस तरह से इसमें सब्जियों को थोड़े समय के लिएउबलते पानी या भाप में पकाना है। इसके बाद आमतौर पर ठंडे पानी में पूरी तरह से ठंडा किया जाता है। यह प्रक्रिया उन्हें एंजाइम्स को खत्म करने के काम आता है जो सब्जी से पोषण तत्वों को कम करते हैं।

अपनी गाइडलाइन में कुकिंग के कुछ ऐसे तरीको शामिल किया है

सोकिंग ,ब्लोचिंग , मेरिनेटिंग जैसे प्री तकनीक से ना सिर्फ खाना तैयार करने में से लगने वाला समय कम होता है साथ ही एनर्जी की बचत होती है। इसके अलावा सब्जियों को स्टीम करने या धीमी आंच पर उबालने पर वॉटर सॉल्युबल विटामिन और मिनरल्स को बचाया जा सकता है। सीधा तलने की तुलना में स्टीम और स्लो बोइलिंग की प्रक्रिया में भोजन की आवश्यकताओं को बनाए रख सकते हैं। ऐसे अपनी गाइडलाइन में कुकिंग के कुछ ऐसे तरीको शामिल किया है।

बोइलिंग और स्टीमिंग

ये तरीका भोजन में मौजूद वॉटर सॉल्युबल विटामिंस और मिनरल्स को बचाकर रखता है साथ ही पकवान तैयार करने में भी समय भी कम लगता है।

प्रेशर कुकिंग

भोजन को स्टीम के दबाव जल्दी पकाने इसके लिए प्रेशर कुकर इस्तेमाल किया जाता है। कुकर में खाना तैयार करने से भोजन में विटामिन और मिनरल्स बने रहते हैं।

फ्राइंग और सेलो फ्राइंग

ये तरीका फूड में फैट को बढ़ा सकता है जो दिल की बीमारी होने की वजह बन सकते है। हालांकि खाने का स्वाद बढ़ाने में ये तरीका कारगर साबित होता है।

माइक्रोवेव में खाना पकाना

खाना बनाने इस के तरीके में समय कम लगता है साथ ही पोषक तत्व की भोजन में बना रहते हैं।

भोजन तैयार करने के लिए बर्तनों का चुनाव भी काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए हल्की सी लापरवाही आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। ICMR ने अपनी गाइडलाइन में खाना पकाने के तरीके में पकवान तैयार करें इसका भी जिक्र किया।

मिट्टी के बर्तन

खाना पकाने का तरीका भोजन को स्वाद और उसके मिनरल्स कंटेंट बढ़ा सकता हैं। हालांकि इसका इस्तेमाल करने से पहले इनकी साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखे इस बर्तन में खाना बनाना जोखिम भरा भी हो सकता है।

मेटल और स्टेनलेस स्टील के कुकवेयर

खाना पकाने का टिकाऊ और सुरक्षित तरीका है लेकिन भोजन में मेटल के रिसाव से बचने के लिए इसका भी सही तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए ट।

टेफ़लोन और लेपित नॉन स्टिक पैन

कम वसा वाले खाना पकाने के लिए उपयोगी है। हालाँकि की भोजन पकाते वक्त निकालने वाले धुंए को रोकने के लिए इससे ज्यादा गर्म नहीं किया जाना चाहिए।

ग्रेनाइट पत्थर के कुकवेयर

पारंपरिक नॉन स्टिक की तुलना में अधिक सुरक्षित और टिकाऊ माने जाते हैं। ध्यान रखें इसमें हानिकारक रसायन न हो।

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