जब हम बाइक या कार से थोड़ी लंबी दूरी की यात्रा करने जा रहे हैं। सबसे पहले आप इसमें फ्यूल भरवाने के लिए सोचते हैं ताकि रास्ते में आपको किसी प्रकार की परेशानी ना हो। इसलिए घर से निकलते आप सीधे पेट्रोल पंप पर जाते हैं और फ्यूल टैंक फुल करने के लिए बोलते हैं।आपके कहने के बाद पेट्रोल पंप कर्मचारी बिना कुछ समझे फ्यूल टैंक फुल कर देता है । अगर आप भी अपनी गाड़ी का फ्यूल टैंक फुल करवाते हैं तो खबर आपके लिए जरूरी है। क्योंकि आज हम आपको फ्यूल टैंक फुल करवाने के नुकसान बताने जा रहे हैं।
फ्यूल टेंक फूल करवाने के नुकशान
फ्यूल टेंक की कैपेसिटी
सभी कार और बाइक की फ्यूल टैंक कैपेसिटी अलग-अलग होती है। कुछ गाड़ी 25 लीटर के फ्यूल टैंक के साथ आती है तो उसका फ्यूल टेंक 35 लीटर कैपेसिटी का होता है। वही अगर बाइक की बात करें तो इनका फ्यूल टैंक 10 से 18 लीटर कैपेसिटी का आता है। ऐसे में कई बार पेट्रोल डीजल बढ़ाने वाले कर्मचारियों की जानकारी नहीं होती है जिससे वह अधिक पेट्रोल डीजल भर देते हैं।
अगर आप बाइक या गाड़ी का फ्यूल टैंक फुल करवाते हैं तो सस्पेंशन के कारण फ्लोर पर नीचे होता है। इसलिए फ्यूल टेंक बैंक बड़ा होगा तो इसके लीक होने का खतरा रहता है। इसके अलावा ढलान वाली जगह पर इस पर से गाड़ी चलाने में भी फ्यूल ठीक हो सकता है और इसमें आग लगने का खतरा रहता है।
गर्मियों के मौसम में कभी भी फ्यूल टैंक फूल नहीं करवाना चाहिए क्योंकि तापमान बढ़ने के कारण हवा निकालने की जगह नहीं रहती। इससे हवा में मौजूद पेट्रोल गर्मी की वजह से स्पार्क बढ़ सकता है और विस्फोट हो सकता है। इसलिए टैंक में कम से कम 100 ml पेट्रोल की जगह रखनी चाहिए ताकि हवा आसानी से निकल सके।
इसके अलावा फ्यूल से निकलने वाले पेपर को भी टैंक के अंदर रहने के लिए जगह की जरूरत होती है। अगर फ्यूल टैंक फुल होगा तो इसके लीक होने का खतरा रहता है इसलिए हमेशा फुल टैंक में एक या दो लीटर फ्यूल कम भरवाना चाहिए।