वेकेशन की प्लानिंग करने से सबसे पहले हम सबसे पहले होटल कहां लेना है, कब छोड़ना है, कितने का लेना है, कब तक कितनी जरूरत पड़ेगी, ये सब बातें एक-दूसरे से जरूर करते हैं। होटल्स में चेक इन तो कभी भी कर सकते हैं, लेकिन चेक ऑउट हमेशा 12 बजे ही क्यों होता है? चलिए आपको बताते हैं।
कमरों की सफाई हो जाती है आसानी से
होटल के स्टाफ को कमरों की साफ-सफाई, बेडशीट और दूसरी जरूरी चीजों की तैयारियों के लिए पूरा टाइम मिल जाता है। वहीं अगर कस्टमर्स लेट चेकऑउट करते हैं, तो इससे इन तैयारियों के लिए पूरा टाइम भी मिल जाता है।
आराम से उठ सकते हैं
वेकेशन के समय लोग आराम से उठना और तैयार होना चाहते हैं, इसी वजह को ध्यान में रखते हुए 12 बजे चेकआउट किया जाता है।
सभी चीजों को जल्दी मैनेज करने में मदद मिलती है
12 बजे चेकआउट का टाइम होटल वाले इसलिए भी रखते हैं, क्योंकि अगर चेकआउट लेट होता है, तो सभी चीजों को जल्दी-जल्दी मैनेज करने के लिए होटल को ज्यादा एम्प्लॉई रखने की जरूरत पड़ेगी।
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होटल को मिलता है ये फायदा
एक तय हुए चेकआउट के समय के अनुसार होटल को मैनेज करने में आसानी रहती है और नए मेहमानों को आसानी से चेक इन की सुविधा भी मिलती है। ये हॉउस कीपिंग और दूसरी सर्विसेस के लिए सही प्रोग्राम चलाने में भी मदद करता है।