मछली पालन करने वालों को मिलेगा सरकारी स्कीम का लाभ। आज के समय में लोग पशुपालन और मछली पालन करके अपनी आय बढ़ाते हैं। बता दे की संसद में कृषि, पशुपालन और फूड प्रोसेसिंग की स्टैंडिंग कमेटी द्वारा सरकार को सुझाव दिया गया है कि देश भर के सब मछुआरों का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए जिससे कि रजिस्ट्रेशन के बाद इनको सरकारी स्कीम और नीतियों का फायदा मिल सके । इस रजिस्ट्रेशन के सरकार को भी लाभ मिलेगा क्योंकि मछुआरों से जुड़ी हुई नई नीतियों और स्कीम तैयार करने में सरकार को इससे सहायता मिलेगी।
रजिस्ट्रेशन होने के बाद सरकार मछुआरों की सही स्थिति को पहचान सके और इसके बाद उसके मुताबिक योजना तैयार कर सके। एक रिपोर्ट के मुताबिक ,बताया गया है कि देशभर में फिलहाल लगभग 2.8 करोड़ लोग फिशरीज से जुड़े हुए है। इसमें से मछुआरे ,मछली पालक किसान और बाकी के लोग हैं। वहीं इसमें 8.6 से 8 पॉइंट 56 लाख व्यक्ति और 3393 संगठन ही नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म में रजिस्टर्ड मिल रहे हैं।
पीएम मत्स्य सम्पदा योजना
ऐसी स्थिति को देखते हुए संसदीय समिति की राय की फिशरीज डिपार्टमेंट और रजिस्ट्रेशन के काम पर गंभीरता लेते हुए मछुआरों और किसानों का पंजीकरण करना चाहिए। विभाग को मछली किसानो और संगठनों के साथ मछुआरों तक पहुंचना चाहिए इनका अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है ताकि वह रजिस्ट्रेशन कर सके। इतना ही नहीं संसद को स्टैंडिंग कमेटी की अध्यक्षता लोकसभा सांसद और पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी करते नजर आ रहे हैं।
इनकी कमेटी द्वारा सरकार को सलाह मिली है कि पीएम मत्स्य संपदा योजना के दूसरे फेज को अब जारी रखना चाहिए और इसको वित्तीय वर्ष 2026 से लेकर 2030 तक चलाया जाना चाहिए ताकि से हालत में सुधर सके।
फंड का इस्तेमाल
कमेटी ने अपनी तरफ से सलाह देते हुए कहा कि मत्स्य संपदा योजना फेज 2 का मुख्य मकसद देशभर में मछली पालन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करना चाहिए जिक्से बदौलत सीफूड एक्सपोर्ट्स को बढ़ा मिल सके। इतना ही नहीं इसके साथ ही अंडमान एवं निकोबार दीप समूह के साथ लक्षद्वीप के दीप समूह के साथ लक्षद्वीप के मैदानी इलाकों में भी मछली पालन के बड़े स्तर पर किया जाना चाहिए। इसको बढ़ावा मिलना चाहिए। आपको बता दे स्टेंडिंग कमेटी ने फिशरीज डिपार्टमेंट की इस बात को लेकर आलोचना की है कि फंड का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जारहा है।
इस समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने की भी सलाह दी गई है। कमेटी का कहना है कि वित्त मंत्रालय की तरफ से इसके लिए 3 साल पहले भी नया वित्त विभाग तैयार किया गया था उसके बाद भी फंड का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इसके बाद कमेटी ने सुझाव देते हुए कहा कि मत्स्य विभाग को राज्य सरकार और वहां के विभागों को मिला करके इस दिशा में गंभीर प्रयास करते रहना चाहिए जिससे कि मत्स्य विभाग का सही प्रयास मछुआरों की जिंदगी में बदलाव ला सके और मछली पालन को बढ़ावा मिल सके।