FD में निवेश करने वालों के लिए सभी जरूरी खबर सामने आयी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों को हाउसिंग फाइनेंसिंग कंपनियों के लिए FD संबंधित नियमो में बदलाव किये है। ये नए नियम जनवरी 2025 से लागू हो जाएंगे। आरबीआई ने छोटी छोटी जमाराशियों, निकासी, पासबुक और मैच्योरिटी से जुड़ी गाइडलाइंस जारी की है ,जिनका पालन इन कमनीयो के अनिवार्य होगा। इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के लिए सुरक्षा बढ़ाना है जिसे सुरक्षित जरूरत के समय पैसों की निकासी में कोई कठिनाई ना हो।
मैच्योरिटी से पहले ग्राहक निकाल सकते हैं पैसे
हाल ही में नए नियमो के तहत ग्राहकों को छोटी जमा राशियों की निकासी आसानी से दी गई है। अगर किसी फिक्स्ड डिपॉजिट की वैल्यू ₹10000 से कम है तो ग्राहक पैसे समय से पहले निकाल सकते हैं लेकिन इस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा वहीं ₹10000 से अधिक की राशि के लिए निवेश को कम से कम 10 महीने बाद ही निकासी की अनुमति होगी। अन्य राशि के लिए बिना ब्याज निवेश पर ग्राहक 3 महीने तक मूल राशि का अधिकतम 50% (₹5 लाख से कम )निकालने का अनुरोध कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त गंभीर बीमारियों को मामलों में ग्राहक टेन्योर खत्म होने से पहले भी FD की मूल राशि निकाल सकते हैं ये नियम ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लागूकिया गया है ।
नॉमिनेशन और मैच्योरिटी नोटिफिकेशन से जुड़े नए नियम
आरबीआई ने FD नॉमिनेशन प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। अब एनबीएफसी को नॉमिनेशन फॉर्म जमा करने वाले और नामांकन मेंबदलाव या रद्दीकरण करने वाले ग्राहकों को एक्नॉलेजमेंट जारी करना होगा। पासबुक को रसीद पर नामांकन पंजीकृत शब्द भी शामिल करना होगा। कंपनियों को एफडी मेच्योरिटी से संबंधित नोटिस 14 दिन पहले जारी करना होगा। इससे पहले नोटिश की अवधि 2 महीने की थी।