सरसों की फसल में इस चीज का छिड़काव बहुत ज्यादा लाभकारी माना जाता है इसके छिड़काव से सरसों के दानो में तेल की मात्रा बढ़ जाती है चलिए हम आपको इस लेख के माध्यम से समझते हैं कोनसी है वो चीज ।
सरसों की फसल में इस चीज का करें छिड़काव
सरसों की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि इसके बीज ,साग और बीज से निकला हुआ तेल बाजार में बहुत साल भर बहुत ज्यादा डिमांडिंग होती है। इसकी खेती में बंपर उत्पादन लेने के लिए किसान बहुत मेहनत करते हैं और कई कीटनाशक का छिड़काव करते हैं जिससे फसल की रोगों से सुरक्षित रहती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बता रहे जो सरसों के दानो में तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होती है। चलिए जानते हैं कौन सी है वह चीज।
हम आपको सरसों कितनी फसल में सल्फर की छिड़काव के बारे में बता रहे हैं। सरसों की फसल में सल्फर का छिड़काव करने से दानो में तेल की मात्रा कई गुना बढ़ती है। सल्फर एक उर्वरक है जो तिलहन फसलों के विकास तौर पर सरसों में तेल की मात्रा बढ़ाने मदद करता है। सल्फर का इस्तेमाल करने से सरसों के पौधे की वृद्धि बहुत अच्छी होती है गुणवत्ता भी बढ़ती है। आपको बता दे सल्फर प्रोटीन ,संश्लेषण उत्पादन और क्लोरोफिल निर्माण में भी मदद करता है। सरसों की फसल में सल्फर के छिड़काव का बहुत खास महत्व होता है।
कैसे करे सल्फर का उपयोग
सरसों की फसल में सल्फर का उपयोग बहुत ज्यादा उपयोगी और लाभकारी साबित होता है। इसका उपयोग करने के लिए एक एकड़ की सरसों की फसल से में 8 से 10 किलो सल्फर को पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। आपको बता दें कि सरसों की फसल में सल्फरों का छिड़काव तब करना चाहिए जब सरसों की फसल 30 से 35 दिन की हो जाए। ऐसा करने से सरसों में दाने में तेल की मात्रा बढ़ जाती है और सरसों का उत्पादन भी बहुत ज्यादा जबरदस्त मात्रा में होता है।