बालाजी का एक ऐसा मंदिर जिसका प्रशाद लाने की है मनाही

Saroj Kanwar
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हिंदू धर्म से 33 कोटि देवता का जिक्र किया गया है लेकिन इनमे से दो नाम जिन्हे एक दूसरे का पूरक मानते है यहां पर पुरुषोत्तम श्री राम और बजरंगबली एक दूसरे की पूरक मान जाते हैं और जहां पर वह श्री राम होंगे वहां पर भगवान हनुमान जी जरूर मिलेंगे। बता दे बजरंगबली को अनेक नामो से भी पुकारा जाता है। भारत में भगवान राम के सबसे बड़े भक्त बजरंगबली के प्रसिद्ध मंदिर हैऔर मान्यता है हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों की सभी कष्ट दूर होते हैं ।वही ऐसा एक बजरंगबली का प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के दौसा में स्थिति से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

राजस्थान के दौसा की दो पहाड़ियों के बीच स्थित है

यह मंदिर राजस्थान के दौसा की दो पहाड़ियों के बीच स्थित है और इस मंदिर में साल भर भक्त आते हैं और यहां से खुश होकर जाते हैं। मेहंदीपुर बालाजी हनुमान ने अपने बाल स्वरूप में विराजमान है उनके ठीक सारे भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थित है। बताया जाता है कि यहां आने वाले भक्तों के लिए खास नियम है। इस नियम के मुताबिक दर्शन में कम से कम एक हफ्ते पहले भक्तों को प्याज, लहसुन में शराब आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए । इतना ही नहीं धार्मिक मान्यताओं की माने तो की मेहंदीपुर बालाजी के हनुमान जी के दर्शन के बाद ऊपरी बाधाओं से लोगों को मुक्ति मिल जाती है और इसे छुटकारा पाने के लिए सबसे बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। बता दें कि यहां पर प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की प्रतिमा भी स्थापित है।

प्रेतराज सरकार को दरबार में पेशी किए थे यहां 2:00 होता है

हर दिन प्रेतराज सरकार को दरबार में पेशी किए थे यहां 2:00 होता है । यहीं पर लोगों के ऊपरी बाधा दूर किए जाते हैं। वही अभी हनुमान जी के इस मंदिर के दर्शन करने से व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है ।
बता दें कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का एक और नियम है। मान्यता है कि यहां के प्रसाद को न तो खाया जा सकता है और न ही किसी को दिया जा सकता है। इसके अलावा प्रसाद को घर भी नहीं लाया जा सकता है। ऐसे में प्रसाद को मंदिर में ही चढ़ाया जाता है।

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