बर्फीले पहाड़ और खूबसूरत झीलों का संगम – नैनीताल में घूमने की जगहों पूरी जानकारी – Nainital Tourist Places

Saroj Kanwar
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नैनीताल हिमालय में कुमाऊं की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच उत्तराखंड राज्य में स्थित है। इसे खूबसूरत झीलों का शहर भी कहते हैं। गर्मियों की तो पीछे से बचने के लिए जब लोग नैनीताल आते हैं तो यहां का ठंडा मौसम और खूबसूरती उनका मन मोह ली थी। ठंड के मौसम में स्नो फॉल और बर्फीली वादियों में इस जगह का स्वर्ग बना देती है। इस मौसम में आप विंटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं।पुराणों के अनुसार पार्वती की बाई आँख यहां गिर गई थी जिससे आँख की आकृति वाला नैनीताल झील का निर्माण हुआ। प्राचीन काल में यहां 60 झीले वहां हुआ करती थी। रोमांटिक मौसम होने के कारण हनीमून प्लेस के लिए सबसे पहले नैनीताल का नाम ही दिल में आता है।

कब जाए घूमने

नैनीताल में मार्च से जून तक गर्मियों का मौसम होता है। इस समय हर का मौसम सुहाना होता है। इस समय न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस होता है। इस मौसम में दिन भर घूमने सुखद और अनुकूल होता है। मार्च में आप फूल देई का त्यौहार देख सकते हैं। त्योहार सौभाग्य और समृद्धि लाने के लिएमनाया जाता है। इसमें हर घर में प्रवेश द्वार पर फूलों को सजा कर रखा जाता है।

नैनीताल में घूमने की जगह

नैना झील नैनीताल

यहां की सुंदर प्राकृतिक नैना झील नैनीताल का मुख्य आकर्षण है। यह चंद्राकर की झील हरे भरे पेड़ों से नदी पहाड़ों से घिरी हुई है। पहाड़ों की शंकुधारी पेड़ों की परछाई से इस झील को झील का स्वच्छ पानी हरा नजर आता है । इस झील में बोटिंग करते समय उत्तर पश्चिम में नैनी पीक, दक्षिण पश्चिम में टिफिन प्वाइंट और उत्तर में बर्फ से ढकी चोटियों की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता अविस्मर्णीय यादों के रूप में मन में बस जाती है। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त का को भावना दृश्य इस झील को विशेष सुंदरता प्रदान करता है।

स्नो व्यू प्वाइंट नैनीताल

समुद्र तल से 2270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित स्नो व्यू प्वाइंट नैनीताल की सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है । यह मुख्य शहर से 2.5 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पर ऑटो टैक्सी से पहुंच सकते हैं । रोपवे से आने पर आपको नैनीताल का ये विहंगम दृश्य दिखाई देता है /स्नो व्यू प्वाइंट से ऐसा लगता है मानो दूधिया रंग के चादर से समस्त हिमालय लिपटा हो। आप यहां से तीन महत्वपूर्ण चोटियातीन महत्वपूर्ण चोटियों नंदा देवी, त्रिशूल शिखर और नंदा कोट के स्वर्गीय द्रश्य को एक साथ देख सकते है।

टिफिन टॉप, नैनीताल

नैनीताल के लोकप्रिय पर्यटन स्थल टिफ़िन टॉप हिमाचल प्रदेश के अयारपट्टा हिल में स्थित है। नैनीताल से मात्र 4 किमी की दूरी पर स्थित टिफिन टॉप पर पैदल या घुड़सवारी के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं। यहाँ से नैनी झील, नैनीताल शहर और कुमाऊं क्षेत्र की पहाड़ियों का प्यारा कुदरती नजारा दिखाई देता है। टिफिन टॉप का निर्माण सेना अधिकारी कर्नल जेपी केलेट में अपनी पत्नी डोरोथी केलेट नाम पर किया था, इसलिए इसे ‘डोरोथी की सीट’ के नाम से भी जाना जाता है। चेर, ओक और देवदार के पेड़ों से घिरा टिफिन टॉप फोटोग्राफी करने और सेल्फी लेने के लिए बहुत उम्दा जगह है। आप यहाँ पर रेपलिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसे ऐडवेंचर का आनंद ले सकते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए टिफिन टॉप पर सुबह और शाम पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।

नैना पीक चाइना पीक

नैनीताल हिल स्टेशन की सबसे ऊंची चोटी नैना पीक को चाइना पिक भी कहते हैं। यदि मौसम साफ हो तो यहां से चीन बॉर्डर दिखाई देता है । नैनीताल से 6 किलोमीटर दूर स्थित नैना पीक समुद्र तल से ऊंचाई 2611 मीटर है। यहाँ बुरांस, देवदार और साइप्रस के घने वनों के बीच पैदल या घुड़सवारी करके पहुंचा जा सकता है। एक तरफ से बर्फ से ढके हिमालय की पहाड़ियों और दूसरी तरफ से नेपाल तक का विहंगम दृश्य देख सकते हैं।

इको केव गार्डन, नैनीताल

गार्डन नैनीताल के टॉप पर्यटन स्थल में से एक है। यह नैनीताल बस स्टैंड से 3.5 किमी की दुरी पर स्थित है। इको केव गार्डन में 6 भूमिगत गुफाएं अलग अलग जानवरों के नाम पर बनी है। इस गुफाओं की भौगोलिक सुन्दरता और जमीन के भीतर इन रहस्यमय गुफाओं से गुजरना एक अलग ही रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है। इन गुफा के अंदर कुछ जगहों से रेंग कर जाना मज़ेदार और साहसिक कार्य का आनंद देता है। आप यहाँ हर दिन शाम के समय विभिन्न वीडियो इफेक्ट्स के साथ म्यूजिकल फाउंटेन का मजा ले सकते हैं।

भीम ताल, नैनीताल


नैनीताल के बेस्ट पर्यटन स्थलों में एक भीमताल नैनीताल से 22 किमी दूर स्थित है। यह विशालकाय झील कुमाऊ की सुन्दर घाटी में त्रिभुज आकार में बनी हुई है। इसका आकार नैनीताल से भी बड़ा है। नैनीताल की तरह भीमताल के दो कोने मल्लीताल और तल्लीताल है, जो आपस में एक सडक से जुड़े हुए है। इस झील के मध्य में एक टापू है, जिसमे नावों से पहुँचने की व्यवस्था है। इस टापू पर रेस्तरां और मछलीघर (एक्वेरियम) भी बनाया गया है। यहाँ मछली के शिकार की सुविधा भी उपलब्ध है। भीमताल के किनारे पर भीमेश्वर मंदिर स्थित है। वनवास के समय पांडू पुत्र भीम ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। आज भी इस मंदिर में भीमेश्वर महादेव की पूजा की जाती है।

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