महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा की अगवाई वाले NDA को सत्ता में लौटने का श्रेय लड़कीबहिन योजना को दिया जा रहा है। इसके तहत राज्य की ढाई करोड़ पात्र महिलाओं को हर महीने ₹15 00 की राशि देने का वादा किया गया और चुनाव जीतने भारी राशि को ₹2100 महीने करने का वादा किया गया।
अब सरकार ने के सामने यह वादा निभाने का दबाव है लेकिन खर्चों का प्रबंधन करना एक बड़ा चुनौती बन सकता है ।
वित्तिर बोझ और सरकार की चुनौतियां
विश्लेषकों के अनुसार ,अगर राशि बढ़ाई जाती है सरकारी खजाने पर बोझ 35000 करोड रुपए से बढ़कर 46000 करोड रुपए हो जाएगा। वह बढ़ी हुई राशि सरकार के लिए अतिरिक्त 11000 करोड रुपए का आवंटन मांग सकती है महाराष्ट्र देश की सबसे अधिक राजस्व वसूलने वाला राज्य है लेकिन खर्च भी उसी अनुपात में है जिस सरकार को अपने वादे को पूरा करने के लिए वित्तीय स्रोत तलाशने होंगे क्योंकि महाराष्ट्र में औद्योगिक प्रदेश और सर्विस सेक्टर यहां के राज्यसभा का सबसे बड़ा स्रोत है । इसलिए सेल्स टैक्स या सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार बाजार उधारी का भी विकल्प चुन सकती है या फिर केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त करने पर विचार कर सकती है क्योंकि nda केंद्र में भी सत्ता में है।
आगे का रास्ता
विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार को फंड जुटाने के विकल्पों पर विचार करना होगा। महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और यह योजना राज्य में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।