भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को प्राइवेट सेक्टर के या इंडसइंड बैंक और मण्णापुरम फाइनेंस पर जुर्माना लगाया। इंडसइंड बैंक पर 27 पॉइंट 30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जो की जमा पर ब्याज दर से संबंधित मानदंडों की उललंघन के लिए है। वही मानपुर फाइनेंसर 20 लाख रुपए का जुर्माना उसके ग्राहकों को केवाईसी में आंदोलन की अवहेलना के लिए लगाया गया।
इंडसइंड बैंक पर एक्शन-
खबर के मुताबिक ,रिजर्व बैंक 30 मार्च 2023 तक इंडसइंड बैंक की वित्तीय स्थिति का निरीक्षण किया और उसे एक नोटिस भेजा। बैंक के जवाब और अतिरिक्त परिस्थितियों पर विचार करने के बाद ,आरबीआई ने पाया कि कुछ बचत जमा खाते आयोग के संस्थानों के नाम पर खोले गए हैं। इस संदर्भ में आरोप साबित होने के कारण ,बैंक पर मौद्रिक जुर्माना लगाना उचित समझा गया। हालांकि आरबीआई ने कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में कर्मियों पर आधारित है। इसका मकसद इंडसइंड बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैद्यता पर विश्वासपर फैसला सुनना सही नहीं है।
मण्णापुरम फाइनेंस को लेकर यह है मामला
रिजर्व बैंक अपने ग्राहकों को केवाईसी मानदंडों की कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए बना मण्णापुरम फाइनेंस में 20 लाख रुपए का जुर्माना लगा है। आरबीआई ने कहा है कि 31 मार्च 2023 तक इसकी स्थिति के संदर्भ में एनबीएफसी का वैधानिक निरीक्षण किया गया और कंपनी को नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर मणप्पुरम फाइनेंस फाइनेंस के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई ने कहा कंपनी ग्राहक स्वीकृति के समय जारीकर्ता प्राधिकरण की सत्यापन सुविधा से ग्राहकों के पैन का सत्यापन करने में विफल रही।
मण्णपुरर्म फाइनेंस इन हर ग्रह के लिए एक विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड के स्थान पर कुछ ग्राहकों को कई पहचान को आमंत्रित किया। इसके कारण उन्हें 16 दिसंबर को एक जुर्माना लगाया गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई कंपनी के खिलाफ नियामक अनुपालन में कमियों के आधार पर की गई है। इस जुर्माने का उद्देश्य मणप्पुरम फाइनेंस द्वारा किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय सुनाना नहीं है।