एक ही तेल का बार इस्तेमाल करने से होता है कई खतरनाक बीमारियों का जोखिम ,यहां जाने क्यों दी ICMR ने चेतावनी

Saroj Kanwar
4 Min Read

aksr ऐसा होता है कि हम खानाबनाते वक्त बचे हुए तेल का इस्तेमाल तब तक करते रहते जब तक वह पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता। लेकिन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ने हाल ही में जारी दिशा निर्देशों में वनस्पति तेल या किसी प्रकार के तेल को बार-बार गर्म करने की प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है। चिकित्सा अनुसंधान निकाय ने कहा कि ,वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करने से उसमें जहरीले कंपाउंड पैदा हो सकते हैं जो हृदय रोग ,कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बनते है। पिछले दिनों से यह पता चला कि कैसे आपका खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से उसमें विषाक्त पदार्थ रिलीज होने लगते हैं और शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ सकते हैं जिसमें सूजन और विभिन्न क्रॉनिक डिजीज हो सकते हैं।

इस में राष्ट्रीय पोषण संस्थान के साथ मिलकर अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों के लिए 17 नए आहार विषय निर्देश जारी किया था कि उन्हें बेहतर भोजन विकल्प चुनने की में मदद मिल सके। दिशा निर्देशों का उद्देश्य ,भारतीयों को अपना स्वास्थ्य अच्छा रखने और सभी प्रकार की कुपोषण को रोकने के लिए भोजन के स्वास्थ्य विकल्प सिफारिशें प्रदान करना है।

बार-बार तेल गर्म करने पर कैंसर और हृदय रोग का खतरा

दिशा निर्देशों में कहा गया है की खाना पकाने के लिए वनस्पति तेलों का बार-बार इस्तेमाल करने का चलन घरों और बाहर का पदार्थ बनाने वाले वेन्यू दोनों ही भोजन है बहुत आम है। रिपोर्ट के अनुसार , वनस्पति तेलों /वसा को बार-बार गर्म करने से ऐसे यौगिक का निर्माण होता है जो हानिकारक होते हैं और हृदय रोग और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। उच्च तापमान पर तेल में मौजूदमौजूद कुछ वसा ट्रांसफर में बदल जाते हैं। ट्रांसफर वसा एक हानिकारक वसा जो हृदय रोग की खतरे को बढ़ाते हैं। जब तेलों को दोबारा उपयोग किया जाता है तो ट्रांस वसा की मात्रा बढ़ जाती है।

दोबारा तेल इस्तेमाल को लेकर ICMR के है क्या विचार

आईसीएमआर ने कहा कि ,इस तेल का इस्तेमाल आप सब्जी जैसी चीज बनाने में कर सकते हैं। लेकिन आमतौर पर तेल में फ्राई करने के बाद दोबारा फ्राई करने के लिए उसे तेल का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा संस्थान ने एक बार फ्राई करने के बाद उसे बचे हुए तेल को एक या दो दिन के भीतर उपयोग करने की सजावट सुझाव दिया है।

सूजन , हृदय रोगों और लीवर की क्षति में योगदान करते हैं

वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करने से वास ट्रांस वसा और एक्रिलामाइड जैसे हानिकारक यौगिकों का निर्माण हो सकता है जो कैंसर के bdhte खतरे से जुड़ा है । इसके अधिक तेल को दोबारा गर्म करने और दोबारा उपयोग करने से हानिकारक फ्री रेडिकल्स और अन्य विषाक्त पदार्थो का संचय हो सकता है जो सूजन , हृदय रोगों और लीवर की क्षति में योगदान करते हैं इन जोखिमों को बचाने के लिए एक ही तेल का कई बार उपयोग करने से बचाना महत्वपूर्ण है और उसकी वजह हाई स्मोक वाली तेलों का उपयोग करना जैसे की एवाकोड़ा या कुसुम तेल।

असंसाधित तेलों का सेवन करने की ही सलाह दी जाती है

इसके अलावा खाने पकाने की उचित तापमान को बनाए रखने और एक बार उपयोग की बाद उसे तेल का दोबारा इस्तेमाल न करने से संभावित स्वास्थ्य खतरों को काफी कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए नियमित रूप से ताजा, असंसाधित तेलों का सेवन करने की ही सलाह दी जाती है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *