इस विधि से धान करने पर किसानो को सरकार दे रही है तगड़ी सब्सिडी ,पैदावार भी होगी ज्यादा

Saroj Kanwar
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खरीफ सीजन में प्रमुख फसल धान है। इसकी बुआई वैसे तो जून के महीने में की जाती है। लेकिन इस बार किसान मई के महीने में धान की बुआई कर रहा है। ऐसा इसलिए की धान की बुवाई में डीएसआर मशीन का इस्तेमाल करके इसकी सीधी बुआई करने में रुचि दिखा रहे हैं। इस विधि की खास बात यह है कि डीएसआर तकनीक से बुआई करने पर पानी की बचत होती है ,पैदावार भी ज्यादा मिलती है। ऐसे में डीएसआर तकनीक से धान की खेती कर रहे हैं। खास बात यह है की तकनीक से धान की खेती के लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति एकड़ ₹1500 की सब्सिडी दी जा रही है। यदि किसान 10 एकड़ में धान की तकनीक से बुवाई करते हैं तो उन्हें ₹15000 की सब्सिडी मिल सकती है।

पंजाब के किसान डीएसआर विधि सिद्धांत की बुवाई कर रहे हैं

पंजाब के किसान डीएसआर विधि सिद्धांत की बुवाई कर रहे हैं । यहां धान की बुवाई का समय 15 जून से शुरू होता है लेकिन निरंतर गिरते भूजल स्तर के कारण इस बार किसान धान की सीधी बुवाई करने में रुचि दिखाई। इधर पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी किसानों से अपील करते हुए डीसीआर मशीन के उपयोग धान की सीधी बुवाई करने को कहा। इससे भू जल की बचत होगी क्योंकि इससे के खेत इसके तहत खेत के पानी भरकर नहीं रखना पड़ेगा।

धान की सीधी बुआई को डीएसआर तकनीक के नाम से भी जाना जाता है। डीएसआर धान बुआई की एक ऐसी तकनीक है जिसमें मैनुअल मशीन के माध्यम से धान को सीधे खेत में लगाया जाता है। तकनीक में ना तो किसान को सीधे नर्सरी के पौधे को लगाने की आवश्यकता होती है ना ही पौधों की रोपाई की। इसके अलावा खेत में पानी भरने की आवश्यकता नहीं होती। इस विधि से यह तकनीक से सीधे खेत में धान बुआई की जाती है हालाँकि भारत में यह तकनीक बहुत पहले से है लेकिन धान उत्पादन में इसका इस्तेमाल यहां बहुत कम किया गया।

पानी की समस्या को देखते हुए किसान फिर से इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं

पानी की समस्या को देखते हुए किसान फिर से इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और सरकार भी किसानों को तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए जोर दे रही है ताकि पानी की बचत हो सके। धान की डीएसआर तकनीक विधि से आप अपने खेत में सीधे धान की बुवाई करते हैं तो इस काम में आपके करीब ₹4000 प्रति एकड़ का खर्च आता है। इस विधि से धान की बेहतर उपज प्राप्त की जाती है। इस तकनीक में आप ट्रैक्टर और डीएसआर मशीन के इस्तेमाल से सिर्फ दो मजदूरों की सहायता से पूरे खेत में धान की सीधी बुवाई कर सकते हैं।

ट्रैक्टर और डीएसआर मशीन के साथ कई एकड़ खेत में धान की सीधी बिजाई कर देता है

सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत दिया जाता है। डीएसआर मशीन की खरीद पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत डीएसआर मशीन की खरीद पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को 40% सब्सिडी दी जाती है जो अधिकतम 40 हजार रुपए है। इनमें अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति ,लघु व सीमांत किसानों सहित महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाती है। डीएसआर तकनीक में सिर्फ दो मजदूर एक दिन में ट्रैक्टर और डीएसआर मशीन के साथ कई एकड़ खेत में धान की सीधी बिजाई कर देता है।

डीएसआर विधि से धान की बुवाई को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को ₹1500 प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी भी दी जाती है। यदि किसान 10 एकड़ में धान की बुवाई तकनीक से करें तो उन्हें ₹15000 की सब्सिडी मिल सकती है। वहीं किसानों का कहना है की इस विधि से धान की बुवाई करने पर पानी की खपत कम हुई है और उन्हें पैदावार भी अच्छी भी प्राप्त हुई है। पंजाब के किसान बताते हैं कि वह पिछले 4 साल से डीएसआर विधि से धान की बुवाई कर रहे हैं उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है।

डीएसआर तकनीक से धान की बुवाई करने पर पानी की बचत होती है

डीएसआर तकनीक से धान की बुवाई करने पर पानी की बचत होती है। क्योंकि इस तकनीक में धान बिजाई के 21 दिन बाद उसको पानी देना होता है। वहीं इसका दूसरा सबसे बड़ा लाभ यह होता है की बारिश के समय पानी सीधा जमीन के अंदर जाता है जिससे अतिरिक्त पानी खर्च कर नहीं होता है। वर्षा जल से ही काम चल जाता है। इस तकनीक सिद्धांत की खेती करने पर 4000 से ₹5000 की बचत होती है। इससे धान की खेती में लागत घटती है और उसका बेहतर उत्पादन मिलता है।

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