आ गयी है सोलर इलेक्ट्रिक कार जो होगी इतनी पॉवरफुल ,यहां जाने कब हो रही है भारत में लॉन्च

Saroj Kanwar
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दुनिया भर में टेक्नोलॉजी के तेजी से डेवलपमेंट के कारण कई मॉडर्न इक्विपमेंट को रोजगार के उपयोग के लिए ज्यादा कन्वेनिएंट बना दिया। सोलर एनर्जी रिन्यूएबल एनर्जी स्टोर से जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता और न हीं कोई प्रदूषण होता है। इससे आप मॉडर्न अप्लायंस को एफिशिएंट ऑपरेट कर सकते हैं जिससे लंबे समय तक सस्टेनेबल विकल्प बन जाते है। इस आर्टिकल में इसी सोलर एनर्जी चलने वाले इन्नोवेटिव टेक्नोलॉजी के बारे में बात करेंगे। सोलर पावर्ड कार और यहां जाने के कैसे काम करती है ये कार।

फॉसिल फ्यूल से चलने वाले व्हीकल का काफी उपयोग ग्रीन हाउस गैसों में इक्विपमेंट सहित प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज की मुद्दे से काफी योगदान देता है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स की ओर टर्न करना जरूरी है जो यूजर और पर्यावरण दोनों को बेनिफिट करता है। सोलर एनर्जी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध और कई सालों से बिजली प्रदान कर रही है।

सोलर इलेक्ट्रिक कार क्या है

सोलर इलेक्ट्रिक कार सोलर एनर्जी से चलने वाले वाहन है। कई देश सोलर एनर्जी चलने वाली इक्विपमेंट के लिए टेक्नोलॉजी पर रिसर्च और रिक्रूटमेंट कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर एफएससी ANFAC (स्पेनिश एसोसिएशन ऑफ़ कार एंड ट्रक मैन्युफैक्चरर्स) की 2021 की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार स्पेन में कुल 29 पॉइंट 87 मिलियन वाहन थे जिनमें से 84% कारे थी और 13 %.3.5 टन से कर्मिशियल व्हीकल थे। इलेक्ट्रिक मोड 70 किलोमीटर की यात्रा करने में सक्षम पूरी तरह से इलेक्ट्रिक व्हीकल स्पेन में काफी फेमस हो रहे हैं। सोलर एनर्जी चलने वाले व्हीकल को टारगेट व्हीकल द्वारा जहरीली और प्रदूषण हवा की प्रोडक्शन को समाप्त करते हुए जीरो एमिशन प्राप्त करना है। 2050 तक इसका उद्देश्य ग्रीनहाउस गैस एमिशन को जीरो करना है।

016 में साइड पेरिस एग्रीमेंट में कई यूरोपीय यूनियन के मेंबर देश शामिल है

2016 में साइड पेरिस एग्रीमेंट में कई यूरोपीय यूनियन के मेंबर देश शामिल है जो रिन्यूएबल सोर्स का उपयोग करके इस टारगेट की दिशा में काम कर रहे हैं। सोलर इलेक्ट्रिकल फॉसिल फ्यूल से चलने वाले विकल्प की तरह ही काम करती है। लेकिन प्रदूषण पैदा किए बिना यह कार सूर्य से एनर्जी प्राप्त करने और इसे बिजली में बदलने के लिए सोलर पैनलों का प्रयोग करते है जो व्हीकल को पावर प्रदान करती है।पैनलों में सौर सेल एनर्जी कन्वर्जन करते हैं।

सनलाइट सेमीकंडक्टर मैटेरियल से बने सोलर सेल पावर पर पड़ती है वह इलेक्ट्रॉनिक रिलीज करते हैं

जब सनलाइट सेमीकंडक्टर मैटेरियल से बने सोलर सेल पावर पर पड़ती है वह इलेक्ट्रॉनिक रिलीज करते हैं जिसे इलेक्ट्रिक करंट बनता है। यह बिजली फैक्ट्री में स्टोर होती है जो बिजली इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंजन के अंदर स्टेटर और वाइंडिंग तक पहुंचती है तो एक मैग्नेटिक फील्ड बनता है जिससे रोटर घूमने लगता है । यह काइनेटिक एनर्जी फिर गियर और पहियों में ट्रांसफर हो जाती है जिससे गाड़ी आगे बढ़ती है सोलर एनर्जी का उपयोग काफी तेजी सेबढ़ रहा है और उसकाऔर इसका महत्व ग्लोबल लेवल पर पहचाना जाता है।

सोलर पैनल की एफिशिएंसी 29% तक होती है

वर्तमान में सोलर पैनल की एफिशिएंसी 29% तक होती है। इस एफिशिएंसी को और बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं। इसका उपयोग करके फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम की जा सकती है। सोलर कारों का ग्लोबल उपयोग बढ़ रहा है । अंतरराष्ट्रीय ब्रांड अपने मॉडल पेश कर रहे हैं ज्यादातर ब्रांड वर्तमान में केवल रिजर्वेशन के लिए कारे ऑफर करते हैं। इसलिए आम जनता को सोलर करो तक के लिए कुछ समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। अगले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक कारों की पापुलैरिटी बढ़ाने की उम्मीद है । इसे चार्जिंग स्टेशन इंस्टॉल होंगे जिससे सोलर कार्य ज्यादा एक्सेसिबल होंगी।

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