अगर आप पर्सनल लोन लेने का विचार कर रहे है और अगर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है।भारत के केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में पर्सनल लोन और अन्य अनसिक्योर लोन से संबंधित नियमों को कड़ा कर दिया है। अगर आप पर भी पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको इनके नियमों का जानकारी होना बहुत जरूरी है। यह कदम के बैंकिंग और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के अनसिक्योर लोन पॉलिसी को मजबूत और सुरक्षित बनाने की उद्देश्य उठाया गया है।
आरबीआई का नया नियम और उसका असर
हाल में भारतीय रिजर्व बैंक को नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इनमें प्रमुख बदलाव यह है कि अब अब बैंकों और एनबीएफसी को अनसिक्योर लोन के लिए अधिक पूंजी रिजर्व में रखनी होगी पहले जहाँ बैंकों को अनसिक्योर लोन के लिए 100% पूंजी रिजर्व में रखना होता था, अब इसे बढ़ाकर 125 परसेंट कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर बैंक ने ₹500000 का पर्सनल लोन जारी किया है तो उसे अब 6 लाख 25 हजार रुपये की पूंजी रिजर्व में रखनी होगी।
यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि पिछले कुछ सालों में पर्सनल लोन और क्रेडिट लोन में असाधारण वृद्धि देखी गई साथ ही लोन डिफॉल्ट के मामले में बढ़ोतरी हुई है इसके चलते केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया था कि बैंकों को इस तरह की लोन की अधिकतम सुरक्षा मिल सके और वित्तीय संकट से बच सके।
आरबीआई के फैसले के पीछे की वजह
आरबीआई की फैसले का मुख्य कारण पिछले कुछ समय सेअनसिक्योर लोन में तेजी से वृद्धि और डिफॉल्ट में मामलों में वृद्धि है। पर्सनल लोन और क्रेडिट लोन की बढ़ती संख्या ने बैंक को नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए जोखिम बढ़ा दिया था। आरबीआई का उद्देश्य इन लोन पोर्टफोलियो को अधिक सुरक्षित और और डिफॉल्ट की घटनाओं को कम करना है।
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा
नए नियम के बाद बैंक को नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी और को अनसिक्योर लोन लेने के लिए अधिक पूंजी रिजर्व में रखनी होगी जिसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ सकता है। इसके कारण बैंक और एनबीएफसी के लोन देने में अधिक सतर्कता बरतनी होगी और वह कुछ नए मानदंड तैयार कर सकते हैं। इसका मतलब यह हो सकता है कि ग्राहकों को पर्सनल लोन लेने में कठिनाई हो सकती है कुछ मामलों मेंलोन लेने की स्वीकृति में देरी हो सकती है।
क्या सिक्योर लोन पर भी असर पड़ेगा?
आरबीआई के इस नए नियम का मुख्य असर अनसिक्योर लोन पर पड़ेगा। सिक्योर लोन, जैसे होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), गोल्ड लोन (Gold Loan) और प्रॉपर्टी लोन (Property Loan) आदि पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सिक्योर लोन में लोन लेने वाले से किसी संपत्ति को गिरवी रखा जाता है, जबकि अनसिक्योर लोन में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती। इसलिए सिक्योर लोन पर पुराने नियम ही लागू रहेंगे।