प्रदोष व्रत बेहद शुभ माना जाता है। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर ये व्रत किया जाता है। इस माह 6 अप्रैल को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस व्रत में भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मन से पूजा-अर्चना करने से भोलेनाथ और मां पार्वती प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं। प्रदोष व्रत को लेकर एक ऐसा उपाय बताया गया है, जिससे भगवान शिव बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और हर समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग में बताया गया है कि चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 6 अप्रैल सुबह 10.19 बजे से अगले दिन यानी 7 अप्रैल को सुबह 6.53 बजे तक है. ऐसे में प्रदोष व्रत 6 अप्रैल को ही रखा जाएगा. संध्याकाल में भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है
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भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय
इस दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव हर तरह से शुभ फल देते हैं, कुंडली में शनि ग्रह का दुष्प्रभाव भी कम हो जाता है और कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाता है।
प्रदोष व्रत के शुभ फल प्राप्त करने के उपाय
- हर संकट को दूर करने के लिए प्रदोष व्रत में शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
- प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। थोड़ा सा जल घर लेकर आएं और घर के मंदिर में रख दें। प्रदोष व्रत के पारण में इसी जल को ग्रहण करें।
- प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर भांग, मदार, बेलपत्र और सफेद पुष्प अर्पित करने से पति-पत्नी के रिश्ते मधुर होते हैं और हर बाधाएं दूर होती हैं।