अगर आप भी मध्य प्रदेश राज्य से है तो आपको बता दे की मध्य प्रदेश में जरूरतमंदों एवं असहाय को 10 लाख नए घर देने जा रहे हैं की मंगलवार को मोहन यादव सरकार की कैबिनेट बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया है। वहीं कैबिनेट की बैठक में तय किए गए कि मध्य प्रदेश की शहरी क्षेत्र में प्रमुख रूप से अगलेझुग्गी- बस्तियों के से 5 वर्षों में 10 लाख प्रधानमंत्री आवास बनाकर हितग्राहियों को देने की स्कीम बना रहे हैं।
Pm Awas Scheme 2.0 : राज्य व केंद्र सरकार करेंगे 50 हजार करोड़ खर्च
आपको बता दे मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 को स्वीकृति दी है। हैंऐसे में इसे में केंद्र और राज्य सरकार एक साथ मिलकर 50000 करोड रुपए से ज्यादा खर्च करेंगे । वही इस स्कीम से न केवल लाखों हित ग्राहियों को प्रदेश में पीएम आवास मिलेगा बल्कि से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा रोजगार की कोई अवसर भी बनेगा।
आपको बता दें कि नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के इस अहम फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश ने प्रधानमंत्री आवास स्कीम का पहला चरण काफी सफल रहा है जिसमें 9 लाख 50 हजार आवासों की स्वीकृति मिली थी और अब तक 8 लाख 50 हजार आवास बनाकर हितग्राहियो को दिए जा चुके है वहीं कैबिनेट की बैठक में तय किए गया हैं कि प्रधानमंत्री आवास 2.0 में अब 10 लाख नए आवास बनाए जाएंगे।
कैसे मिलेंगे आवास की 10 लाख नए घर
आपको बता दे की कैलाश विजयवर्गीय ने आगे अपने शब्दों में बतलाए कि प्रधानमंत्री आवास 2.0 के तहत बनने जा रहे हैं।10 लाख नए आवास महिलाओं, सीनियर सिटीजन, ट्रांसजेंडर, दिव्यांगों, सफाईकर्मियों , स्ट्रीट वेंडर, निर्माण श्रमिक, मलिन बस्तियों के रहवासियों समेत और जरूरतमंदों को दिए जाएंगे।
वहीँ सरकार का स्कीम के तहत प्लान है कि जरूरतमंदों को उनके सपनों का घर मिले और प्रदेश के झुग्गी मुक्त बनाने की दिशा में अहम् अग्रसर है।
निजी डेवलपमेंट से घर खरीदने पर मिलेगा मदद
आपको बता दे की की मंत्रालय में आयोजित केबिनेट की बैठक में अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप पर भी चर्चा किए गए है। ऐसे में एएचपी के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पात्र परिवारों को नगर सीमा में प्राइवेट बिल्डर या अन्य निर्माण एजेंसियों द्वारा बनाए गए घर खरीदने के लिए भी सरकार अनुदान देंगे।
वहीं इसके तहत आवास खरीदने के लिए 2.50 लाख रुपए तक का अनुदान मध्य प्रदेश सरकार देंगे। वहीं इस श्रेणी में प्राइवेट बिल्डरों द्वारा बनाए गए EWS श्रेणी के मकान भी शामिल होंगे।