बच्चो के साथ इस उम्र के बाद माँ बाप सोना नहीं है सेफ ,यहां जाने क्या है इसका कारन

Saroj Kanwar
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हर बच्चा अपने मां-बाप को जान होता है। उनकी यही कोशिश होती है कि वह अपने बच्चे का अच्छे से ध्यान रखे और उन्हें कोई तकलीफ ना होने दे। उन्हें सुरक्षित महसूस करवाए। इसलिए कई पेरेंट्स अपने बच्चों को साथ सुलाना पसंद करते हैं। खासकर भारत में तो बच्चों की बड़ी हो जाने के बाद माता-पिता उनके साथ बेड शेयर करते है लेकिन ये सही नहीं है।

एक्सपर्ट की माने तो एक उम्र के बाद मां-बाप को बच्चों के साथ बेड शेयर करना छोड़ देना चाहिए। ऐसा ना करना पेरेंट्स और बच्चों दोनों के नुकसानदायक साबित हो सकता है । तो वह आखिर कौन सी स्टेज है जब आपको अपने बच्चों को सोने के लिए अलग बेड दे देना चाहिए? चलिए जानते हैं।

इस उम्र में बच्चों के साथ न सोए मां बाप

मां-बाप को बच्चों की प्यूबर्टी या प्री-प्यूबर्टी टी स्टेज में उनके साथ सोना बंद कर देना चाहिए । यह वह स्टेज होती है जो बच्चों की बॉडी योन रूप के लिए तैयार होना शुरू हो जाती है। ऐसे में बच्चों के शरीर में कई हारमोंस बदलाव होते हैं उसके सोच विचार बदलने लगते हैं। वही इमोशनल अप्स एंड डाउन से गुजरता है। प्यूबर्टी लड़कियों में 11 साल की उम्र लड़कों में 12 साल की उम्र में आती है । लड़की 8 से 13 साल की उम्र के बीच लड़कियों में प्यूबर्टी का आना सामान्य है इस दौरान का मासिक धर्म शुरू होता है ,स्तन बड़े होते हैं। वही लड़कों में 9 से 14 साल की उम्र के बीच प्यूबर्टी आ सकती है। इस दौरान उनके प्राइवेट पार्ट पर बाल उगने लगते हैं किसी किसी को हल्की मूछ भी आ जाती है।

पर्सनलस्पेस देना है जरूरी

प्यूबर्टी में बच्चों को पर्सनल स्पेस देना बहुत जरूरी है इससे वह सहज महसूस करते हैं। अपने शारीरिक और मानसिक बदलावों को अच्छे से हेंडल कर पाते है उन्हें इसे लेकर शर्मिंदा नहीं होना पड़ता। इसके अलावा नींद को लेकर किसी अलग-अलग जरूरत होती है। ऐसे बच्चों के साथ सोना आपके और आपके बच्चों के दोनों की नींद की क्वालिटी खराब कर सकता है। यदि आपका बच्चा के लिए बिना आपके बिना नहीं सो पाते हैं तो उसे अलग बेड दे अलग कमरे में सोने से डरता है तो एक हीं कमरे में उसका अलग बिस्तर लगा दे बच्चा खुलकर नींद ले पाएगा।
वही छोटे बच्चों को अलग सुलाना है तो आपको कुछ देर उनके पास सो सकते हैं फिर वहां से जा सकते है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को कभी एक बेड पर नहीं सुलाना चाहिए इससे उसकी दम घुटने से मौत हो सकती है। इसे टेक्निकल भाषा में SIDS यानि सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम भी कहते हैं।

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