अब देश को दुनिया का सबसे ऊंचा मोटर वाहन चलाने योग्य सुरंग मिलने वाला है। यह काम सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जा रहा है। देश के सीमावर्ती क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जाने जाने वाले इस संगठन ने 26 जुलाई से हिमाचल की मनाली के पास स्थित शिंकुला दर्रे इस सुरंग का का निर्माण शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए पहला विस्फोट कर दिया।
सुरंग को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सुरंग बन जाएगी
इस सुरंग को 15800 फीट की ऊंचाई पर बनाई जाएगी और हिमाचल प्रदेश केनिम्मु, पदम और दरचा के रास्ते मनाली और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी लेह को जोड़ेगी। शिंकुला दर्रे की ऊंचाई 16,615फीट ऊँचा है। अगर यह मुमकिन होता है तो शिंकुला दर्रा ,चीन में स्थित मिला सुरंग को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सुरंग बन जाएगी।
कम से कम 4 पर्वतीय दर्रो से होकर गुजरता है
पीएम मोदी ने 26 जुलाई को द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक से दुरुस्त रूप से अपना पहला विस्फोट किया। यह आल वेदर सुरंग है जो 4 पॉइंट 1 किलोमीटर लंबी है और लेह व मनाली के बीच इसकी लंबाई 60 किमी कम कर देगी। मनाली और लेह के बीच का हाईवे छोटा रास्ता है और कम से कम 4 पर्वतीय दर्रो से होकर गुजरता है।
मनाली और लेह के बीच के दर्रे को सिर्फ 295 किलोमीटर तक कम कर देगी
नई सुरंग मनाली और लेह के बीच के दर्रे को सिर्फ 295 किलोमीटर तक कम कर देगी और शिंकुला को एकमात्र उच्च पर्वतीय दर्रा के तौर पर शामिल करेगी। BRO के प्रमुख एजेंसी है जो भारत की सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण और रखरखाव करती है इन्होंने ही मनाली के पास अटल सुरंग का निर्माण किया था जो 10000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। दुनिया का सबसे ऊंचा मोटर योग्य दर्रा उमलिंग ला 19,024 फीट की ऊंचाई पर है।