बिहार में प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इसमें कई कानूनी प्रक्रिया शामिल होती है जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत होती है। इन दस्तावेजों के बिना राष्ट्रीय स्थिति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती है। इस लेख में हम बिहार रजिस्ट्री प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए आवश्यक चार महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे साथ ही रजिस्टर प्रक्रिया और उससे जुड़े अन्य पहलुओं पर भी प्रकाश डालेंगे। यह जानकारी आपको प्रॉपर्टी लेने दिन में मदद करेगी और किसी भी तरह के कानूनी समस्या से बचने में सहायक होगी।
बिहार की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड
आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण पहचान पत्र है यह दस्तावेज़ निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है।
व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करना -आधार कार्ड व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करता है।
बायोमेट्रिक सत्यापन -रजिस्ट्री के समय बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
डिजिटल हस्ताक्षर् – इ -रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड आधारित डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है।
पैन कार्ड
पैन कार्ड वित्तीय लेनदेन के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। रजिस्ट्री प्रक्रिया में इसकी भूमिका निम्नलिखित है।
आयकर सत्यापन– पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है और व्यक्ति वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।
स्टांप शुल्क भुगतान -रजिस्ट्री के लिए स्तंभ शुक्ला भुगतान में पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।
टीडीएस कटौती -यदि प्रॉपर्टी की कीमत 50 लाख रुपए से अधिक है तो टीडीएस कटौती के लिए पैन कार्ड जरूरी है।
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट कुछ विशेष परिस्थितियों में आवश्यक होता है। यह निम्नलिखित स्थितियों में जरूरी है।
बैंक लोन -यदि प्रॉपर्टी पर बैंक लोन है तो बैंक से NOC लेना आवश्यक ह।
सोसाइटी फ्लैट-यदि यह एक फ्लैट है सोसाइटी से एनओसी की आवश्यकता होती है।
विरासत संपत्ति -यदि यह विरासत से संपत्ति मिली है तो अन्य वारिशों से NOC लेना जरूरी है।
मूल विक्रय पत्र
मूल विक्रय पत्र प्रॉपर्टी के स्वामित्व को प्रमाणित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। इसकी आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से होती है:
स्वामित्व का प्रमाण: यह दस्तावेज़ वर्तमान मालिक के स्वामित्व को सिद्ध करता है।
प्रॉपर्टी का विवरण: इसमें प्रॉपर्टी का पूरा विवरण, जैसे क्षेत्रफल, सीमाएं, आदि शामिल होते हैं।
पिछले लेनदेन का रिकॉर्ड: यह पिछले सभी लेनदेन का रिकॉर्ड प्रदान करता है।