New Ring Road: राजस्थान का ऐतिहासिक शहर नागौर अब एक नई सौगात की ओर बढ़ रहा है. यहां ट्रैफिक दबाव और लगातार बढ़ती दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एक बेहद अहम बायपास रोड की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की स्वीकृति के बाद अब यह प्रोजेक्ट ज़मीन पर उतरने को तैयार है.
शहर के बाहर से बनेगा दूसरा रास्ता
जब किसी शहर के भीतर से भारी वाहनों की आवाजाही होती है, तो वहां ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और सड़क हादसे आम हो जाते हैं. यही स्थिति नागौर में भी वर्षों से देखने को मिल रही थी. इसे ध्यान में रखते हुए अब शहर से बाहर 16 किलोमीटर लंबा नया बायपास रोड बनाया जा रहा है, जो बीकानेर रोड से लेकर लाडनूं रोड तक का हिस्सा कवर करेगा.
375 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा बायपास
इस नए बायपास रोड पर कुल 375 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. यह सड़क चार लेन की होगी और इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि भारी वाहन अब सीधे शहर से बाहर-बाहर निकल सकें. इससे शहर की आंतरिक सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा.
47 किलोमीटर लंबी होगी नागौर की रिंग रोड
नागौर पहले से ही दो नेशनल हाइवे और एक स्टेट हाइवे से जुड़ा हुआ है, जिससे यहां वाहनों की भारी आवाजाही होती है. फिलहाल अमरपुरा से गोगेलाव तक एक 16 किमी का बायपास पहले से निर्माणाधीन है. अब नए बायपास के जुड़ने से नागौर शहर को चारों ओर से घेरे हुए कुल 47 किलोमीटर की रिंग रोड का स्वरूप मिल जाएगा. इससे शहर के चारों ओर आना-जाना सरल होगा.
सड़क हादसों पर लगेगी लगाम
भारी वाहनों की भीड़ के चलते नागौर में रोज़ सड़क हादसों की खबरें आम हो चुकी हैं. नए बायपास रोड के बन जाने के बाद ये भारी वाहन अब शहर के बीचों-बीच नहीं चलेंगे, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में भी गिरावट आएगी. साथ ही आम लोगों को ट्रैफिक जाम से भी राहत मिलेगी.
शहरी विकास को मिलेगा नया आधार
बायपास रोड सिर्फ ट्रैफिक नियंत्रण का ज़रिया नहीं है, बल्कि यह शहरी विकास का भी आधार बनता है. नागौर के मामले में यह बायपास शहर के विस्तार का मार्ग सराहनीय होगा. बायपास के इर्द-गिर्द नई कॉलोनियों, मार्केट्स, शिक्षण संस्थानों और सरकारी दफ्तरों का विकास होगा, जिससे स्थानीय लोगों को सुविधाएं नज़दीक ही मिलेंगी
शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थाओं तक पहुंच होगी आसान
नया बायपास कई महत्वपूर्ण संस्थानों के नज़दीक से गुजरेगा. इनमें सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, कृषि कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक संस्थान, केंद्रीय विद्यालय और मॉडल स्कूल शामिल हैं. बायपास के कारण इन संस्थानों तक पहुंचने में लोगों को आसानी होगी और विकास को नई गति मिलेगी.
कहां से कहां तक बनेगा यह बायपास ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह नया बायपास बीकानेर रोड से शुरू होकर लाडनूं रोड तक जाएगा. इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) पहले ही बन चुकी है और लगभग सभी प्रशासनिक औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं. जल्द ही इस पर आधिकारिक मंजूरी मिलने की संभावना है.
अमरपुरा-गोगेलाव बायपास पर पहले से काम जारी
इससे पहले अमरपुरा से गोगेलाव तक एक अन्य 16 किमी लंबा बायपास रोड भी निर्माणाधीन है. यह दोनों परियोजनाएं मिलकर नागौर को एक पूर्ण रिंग रोड दे देंगी, जिससे शहर के चारों कोनों से निकलने और प्रवेश करने का दूसरा रास्ता तैयार हो जाएगा.
नागौर का भविष्य होगा और बेहतर
नया बायपास नागौर शहर के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा. इससे न सिर्फ शहर की यातायात व्यवस्था सुधरेगी बल्कि सड़क हादसे भी कम होंगे. साथ ही शहरी विस्तार, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में भी तेज़ी से प्रगति होगी. उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद नागौर विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा और एक आधुनिक शहर के रूप में उभरेगा.