खेत में पाइप लाइन डालने के दौरान बीच में आ रहा है पड़ोसी का खेत तो यहां जाने क्या है इसके नियम

Saroj Kanwar
3 Min Read
NDI10YmY05celt> Fu; fuU ceatuk cea mu rlfUt˜e st hne ni vtRv ˜tRl>

पानी के बिना कृषि करने का कोई मतलब ही नहीं है ये तो सब जानते ही है। कई किसान के खेत में मुख्य जल स्रोत से काफी दूर है। इसलिए उन्हें पानी गिरने के लिए पाइप लाइन का रास्ता बनाना पड़ता है। लेकिन कभी-कभी पाइपलाइन पड़ोसी किसान के खेत चलानी पड़ती लेकिन पड़ोसी किसान पाइपलाइन के अनुमति नहीं देता इससे किसानो को बड़ीदुविधा का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में क्या करें।

कानून क्या कहता हैं

दूसरे खेत से पाइपलाइन कैसे ले जाएं जैसे कुछ सवाल किसानों के माध्यम से उठाए जाते हैं तो कानूनी तरीकों से पाइपलाइन लाने के लिए क्या किया जाए जानते हैं कानून क्या कहता हैं।

भूमि राजस्व नियम 1967 बनाए गए हैं इस नियम के अनुसार किसान अपने खेत में कुआं बनाना चाहते हैं या दूसरी जमीन के माध्यम से अपने खेत में पानी पाइपलाइन लाना चाहते हैं तो उसे तहसीलदार के पास आवेदन करना होगा। निश्चित परपॉटर में यदि पड़ोसी किसान अपनी कृषि भूमि के माध्यम से पाइपलाइन लाने की अनुमति नहीं देता है तो महाराष्ट्र भूमि राजस्व अधिनियम 1966 की धारा 49 के तहत तहसीलदार महोदय का आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र प्राप्त होने के बाद तहसीलदार महोदय उनकी किसानों के खेतों की जांच करेंगे। जहां से आपकी पाइपलाइन गुजरेगी। वह संबंधित किसानों को नोटिस जारी करते हैं नोटिस देने के बाद किसानों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है साथ ही अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो वह आपत्तियों की जांच तय कर सकते हैं। पाइपलाइन लाने की अनुमति दी जाए या नहीं और इस संबंध में आदेश पारित किए जाते हैं।

पाइपलाइनों के लिए कानूनी आवश्यकताएँ क्या हैं?

यदि तहसीलदार पाइपलाइन बिछाने अनुमति देता है तो आवेदक किसान पाइपलाइन बिछाते समय कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहता है। पाइपलाइन करते समय आवेदन किसान को पाइपलाइन बिछाते समय कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कुछ शर्ते लगाई जाती है।

आवेदक किसान को पाइपलाइन बिछाते समय इस बात का ध्यान रखी पड़ोसी किसान को कम से कम नुकसान हो और पाइपलाइन को न्यूनतम दूरी से गुजर जाना चाहिए । साथ ही पाइपलाइन को जमीन में काम से कम 1 फीट की गहराई तक दबाना चाहिए।

यदि पाइपलाइन के निर्माण के दौरान किसानों को की फसल क्षतिग्रस्त हो जाती है तो आवेदक किसान को प्रभावित किसानों का मुआवजा देना होगा। यदि इस तरह की सरकार कर दिया जाता है तो इसे भू राजस्व की बकाया के रूप में वसूल किया जाता है।

यदि पाइपलाइन के लिए उसकी मरम्मत के दौरान भूमि की खुदाई की आवश्यकता होती है तो कम से कम खुदाई की जाएगी और खोदी गयी भूमि का पुनर्वास आवेदक द्वारा अपने खर्चे पर किया जाएगा।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *