भारत में हर साल एक्सी रोड एक्सीडेंट में लाखों लोग मर जाते है ये हादसे से कभी और दूसरों को भी तो कभी खुद की लापरवाही होते हैं। नूंह में शुक्रवार रात श्रद्धालुओ से भरी बस में आग लग गई। हालांकि आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका। लेकिन इस दर्दनाक हादसे में आठ लोगों ने अपनी जान गंवा दिया आमतौर पर देखने में आया है कि ड्राइवर को नींद की झपकी लगने की कारण सड़क हादसे हो जाते है।
एंटी स्लीप डिवाइस इसका इस्तेमाल करने से सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है
हालांकि परेशानी का समाधान’ एंटी स्लिप डिवाइस ‘जिसका इस्तेमाल नींद में ड्राइविंग से जुड़े हादसे को रोकने के लिए किया जाता है। सवाल है कि कार ड्राइवर इसका इस्तेमाल करते हैं। फिर बस और ट्रक ड्राइवर इसका उपयोग क्यों नहीं करते। क्या बस एंटी स्लीप डिवाइस इसका इस्तेमाल करने से सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
इस बारे में ऑटो एक्सपर्ट से बातचीत हुई। ड्राइवर के लिए एंटी स्लिप अलार्म लगने की स्थिति में रोड़ एक्सीडेंट से बचने के लिए एक महत्वपूर्ण सेफ्टी डिवाइस है डिवाइस, एक एडवांस सेंसर के जरिए ड्राइवर की स्थिति की निगरानी करता है। दरअसल डिवाइस में लगाया सेंसर ड्राइवर के सर और आंखों की स्थिति में होने वाले बदलाव ,थकान के शुरुआत लक्षणों का पता लगाता है। इस डिवाइस में लगा सेंसर या पता लगने लगता है कि ड्राइवर को कब नींद आ रही है।
ड्राइवर को नींद आएगी तो एलइडी लाइट ब्लिंक करने लगेगी
इसके लिए सर और आंखों की गतिविधियों को ट्रैक करता है। जब डिवाइस को पता चलता है कि ड्राइवर को नींद आ रही है तो वह वाइब्रेट होता है वह वाइब्रेशन के साथ अलार्म बजाना शुरू कर देता है। एंटी स्लिप अलार्म डिवाइस का इंस्टॉल करना बहुत आसान है । इसे स्टील स्टीयरिंग व्हील या डैशबोर्ड से जोड़ा जा सकता है। एंटी स्लिप डिवाइस को कंट्रोल रूम के जरिए भी ट्रैक किया जा सकता है जैसे ही ड्राइवर को नींद आएगी तो एलइडी लाइट ब्लिंक करने लगेगी ।
5 से 8 सेकंड और डे मोड में 6 से 9 सेकंड के नींद आने पर ब्लिंक करने लगती है
नाइट मोड में यह 5 से 8 सेकंड और डे मोड में 6 से 9 सेकंड के नींद आने पर ब्लिंक करने लगती है इसके बाद बाजार की आवाज शुरू हो जाती है और सायरन बजने लगता है ऐसे में ड्राइवर को तुरंत अलर्ट कर दिया जाता है। कार में एंटी स्लिप अलार्म डिवाइस का इस्तेमाल होता है हालांकि इसका उपयोग लोग करें या ना करें अलग बात है। लेकिन यात्री बस दिन में 70 से 80 लोग सफर करते हैं। इसमें डिवाइस का बिल्कुल इस्तेमाल होना ही चाहिए। इस बारे में ऑटो एक्सपर्ट विक्रांत मोहन ने बताया ,बस और ट्रक में भी इस इसलिए डिवाइस का इस्तेमाल होना चाहिए था कि यात्री बसों से जुड़े एक्सीडेंट को रोका जा सके उन्होंने कहा कि कारों की तरह बसों में भी इस डिवाइस का इस्तेमाल होना चाहिए।
प्रयोग के तौर पर कुछ बसों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है
टीओआई रिपोर्ट के अनुसार ,उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विशेष रूप से रात में उप राज्य सड़क परिवहन निगम अपने ड्राइवर को गाड़ी चलाते समय झपकी लेने से रोकने के लिए एंटी स्लिप अलार्म डिवाइस का ऐलान किया था। इसके बाद प्रयोग के तौर पर कुछ बसों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।