आयकर विभाग ने देश में बड़ी-बड़ी रेट करके करोड़ों रुपए जप्त कर देश के राजस्व को बढ़ाया है। बड़े-बड़े कारोबारी को यह इनकम टैक्स विभाग अक्सर दबिश देते हैं। इनकम टैक्स की रेट के पीछे वाजिब कारण होता है। कानूनी तौर पर इनकम टैक्स विभाग किसी के भी यहां टैक्स संबंधित मामलों में रेड और सर्वे कर सकता है । ऐसा भी नहीं है की इनकम टैक्स विभाग की टीम आई है तो तो इसका मतलब रेड ही होगा। कई बार सर्वे भी होते हैं।
सर्वे और इनकम टैक्स विभाग की रेड में काफी फर्क होता है
सर्वे और इनकम टैक्स विभाग की रेड में काफी फर्क होता है। भारत सरकार की ओर से नियम बनाए गए हैं जिसमें एक तय सीमा के बाद इनकम पर टैक्स लगता है। इसका वसूलने का काम इनकम टैक्स विभाग को दिया गया। इनकम टैक्स विभाग केस फ्लो पर नजर बनाए रखना है। अब सवाल उठता है की इनकम टैक्स विभाग की नजर कैसे नजर रखता है और क्यों रेड करता है।
इनकम टैक्स विभाग सभी ट्रांजैक्शन पर नजर रखते हैं
इनकम टैक्स विभाग सभी ट्रांजैक्शन पर नजर रखते हैं। खासकर बड़ी ट्रांजैक्शन पर। बड़ी-बड़ी कंपनियां टैक्स के रुपए बचाने के लिए कई प्रयास करती है लेकिन इनकम टैक्स विभाग इन्ही प्रयासों को को विफल करने के लिए कार्य करता है। यहां जानते हैं कि आयकर विभाग कब, क्यों, किसके स्थान पर रेड (income tax ki raid) करता है। जिसपर रेड पड़ती है वो क्या कर सकता है? ”
आयकर विभाग पूरी कानूनी कार्रवाइयों की तहत रेट करता है। आयकर विभाग की धारा 132 के दिन अधीन आयकर अधिकारी किसी भी इंसान को कारोबार स्थल या फिर आवास पर रेड कर सकते हैं। रेड के लिए करने का कोई स्थान निश्चित नहीं होता है। छापा कितने समय तक चले यह भी सुनिश्चित नहीं होता है। गड़बड़ मिलने पर आपको सामान व कैश की जब्ती भी करता है। जहां रेट होती है वहां पर किसी मौजूद किसी भी व्यक्ति की तलाश लेने का अधिकार अधिकारियों के पास होता है। रेट के दौरान अधिकारी तिजोरी खेल सकता है। कहीं कहीं ताला भी तोड़ सकते हैं इस काम में पुलिस की मदद ली जा सकती है।
अचानक पड़ता है Income Tax का छापा
आयकर विभाग के पास छापे के लिए कोई निश्चित समय नहीं होता। किसी भी समय आयकर का छापा पड़ (Income tax raid time) सकता है। ऐसा समय अधिकारी देखते हैं, जिसमें सामने वालो को कोई अंदाजा न हो और कुछ छीपाने या संभलने का मौका न मिले। इसमें रात हो या दिन, किसी भी समय आयकर विभाग (Income Tax Department) की टीम दबिश दे सकती है। आरोपी को दबोचने के लिए सब कुछ गुप्त रखा जाता है। टीम घर में तलाशी का वारंट साथ रखती है।