इस बार गर्मियों के मौसम में पारा काफी हाई है। कई शहरो में तापमान 45-46 डिग्री पर पहुंच गया है। इसमें बाइक चलाने वालों के साथ कार चलने वाले भी गर्मी से परेशान है। गर्मी की वजह से गाड़ी की टायर फटने की कोई समस्या सामने आई है। इस मौसम में टायर के अंदर की हवा फैलने लगती है जिससे टायर में ब्लास्ट हो जाता है अगर आप भी इस मौसम में गाड़ी लेकर कहीं लॉन्ग ड्राइव पर निकलने लगते हैं तो फिर आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
आपको बस अपनी गाड़ी में बस ₹200 खर्च करने है इस मौसम आपकी गाड़ी का टायर पूरी तरह से सुक्षित हो जायेगा वाली समस्या में आपकी गाड़ी का टायर पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा।आमतौर पर जब आप गाड़ी सड़क किनारे गाड़ी रिपेयर करवाने जाते हैं तो टायर में नॉर्मल एयर भर दिया जाता है। यह और सभी मौसम में अच्छी तरह काम करता है। लेकिन नॉर्मल एयर भरा हुआ टायर अधिक गर्मी के कारण फट सकता है कि अगर आपने देखा होगा की खड़ी गाड़ी का टायर भी फट जाता है इसलिए होता है क्योंकि वातावरण में गर्मी के टाइम चलते टायर के अंदर की नार्मल हवा फैलने लगती है। अधिक गर्म मौसम में टायर में हवा फैलने से ब्लास्ट भी हुआ जाता है।
200 रूपये खर्च करके अपनी गाड़ी को बनाए सेफ
आपको बता दें केवल ₹200 खर्च करके आप अपनी गाड़ी के टायरों को सुरक्षित रख सकते हैं । आपको सिर्फ यह करना है की आपको अपनी गाड़ी की टायरों में नॉर्मल हवा की जगह नाइट्रोजन गैस डलवानी है नाइट्रोजन टायर के लिए अच्छा होता है क्योंकि ये गर्मी की कारण फैलता नहीं और इसके टायर की लाइफ बढ़ जाती है।
नाइट्रोजन में कितना होगा खर्च
टायर में नाइट्रोजन डलवाने का खर्चा नॉर्मल टायर से थोड़ा अधिक होता है कार के चारों टायर में नाइट्रोजन डलवाने का घर 200 रुपए के आसपास आता है जबकि बाइक के स्कूटर में टायर 80 से ₹100 का खर्चा आता है। अगर आप पहले से नाइट्रोजन डलवा रहे हैं और केवल टॉप अप करना चाहते हैं तो 40 ₹50 खर्च होंगे।
क्या एयर के साथ में मिक्स कर सकते हैं नाइट्रोजन
एयर के साथ नाइट्रोजन का मिक्स नहीं करवाना चाहिए। अगर गाड़ी के टायर में पहले से हवा है तो उसमें नाइट्रोजन ना डलवाये। ऐसा करने से आपको नाइट्रोजन का कोई फायदा नहीं मिलेगा। नाइट्रोजन डलवाने से पहले टायर में से एयर को पूरी तरह निकाल देना चाहिए। इसके बाद टायर में सिर्फ नाइट्रोजन भरा जा सकता है। नाइट्रोजन की सबसे बड़ी खासियत है यह गर्मी में भी ठंडा रहता है जिससे टायर अधिकतर हल्के रहते हैं जिसके चलते माइलेज भी अच्छी होती है।