होम लोन लेने के बाद जब भी होम लोन लेने की ईएमआई भरने में कोई असमर्थ हो जाता है तो लोन धारक को इस बात की चिंता सताने लगती है कि कहीं बैंक कुछ लोन के पैसे पूरे करने के लिए उनके घर तो जप्त नहीं कर लेगा। ऐसा होने पर बैंक की प्रक्रिया क्या होती है और इसके लिए कौन-कौन से नियम होते हैं जानना बहुत जरूरी है । क्या बकाया EMI के कारण आपका घर छिन सकता है? इन सवालों के जवाब जानिये इस खबर के जरिये।
कब भेजता है बैंक नोटिस
सबसे पहले तो यह जाने ले की अगर आप होम लोन के एक या दो EMI मिस करते हैं तो बैंक की कार्रवाई से बचे रहेंगे लेकिन लगातार 3 EMI मिस कर दी तो आपको बैंक से नोटिस का सामना करना पड़ेगा। अगर आप इस तरह की समस्या में है तो बता दे की ईएमआई मिस होने पर लोन का ब्याज हर महीने आपकी ओवर ऑल बैलेंस से जुड़ता जाएगा। ऐसा होने पर लोन की अवधि भी बढ़ जाएगी। ऐसी सिचुएशन में बैंक जाकर स्पष्ट रूप से अपनी बात रखें और क्रेडिट हिस्ट्री में अच्छी रखने वाले वाले बैंक की ओर से मोहलत मिल सकती है। लोन की अवधि बढ़वाकर कर आप बैंक से EMI घटाने के लिए आग्रह कर सकते हैं। यह आपके लिए राहत भरा कार्य होगा।
होम लोन पर आरबीआई का नियम
अगर आप होम लोन ले रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि आपका लोन काइंट्रेस्ट रेट repo rate पर आधारित होता है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने अक्टूबर 2019 में फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट के नियम लागू किए थे जिसमें बैंक को होम लोन के लिए रेपो रेट का बेंचमार्क मानते हैं इस समय रेपो रेट कम थे जिससे लोन लेने वाले को सस्ते ब्याज दरों का लाभ मिल रहा है। हालांकि जो लोग पहले से लोन चुका रहे हैं उनकी EMI में कोई बदलाव नहीं होगा ।
कब हो सकता है घर नीलाम
होम लोन की अगर आप लगातार 3 EMI मिस करते हैं तो आपको हर हाल में नोटिस भेजता है। यदि आप 6 महीने तक लगातार EMI भरने में असमर्थ रहते हैं तो ऐसी स्थिति में बैंक आपको दो महीने का और समय दे सकता है ताकि EMI भर सके /इसके बाद अगर भुगतान नहीं होता है तो बैंक आपका लोन NPA यानी नॉन-परफॉर्मिंग असेट घोषित कर सकते हैं और फिर वह आपकी प्रॉपर्टी या घर की नीलामी कर सकता है यानी बैंक ऐसी स्थिति में घर का कब्जा करने का हक रखता है।
कानून में बैंक के अधिकार –
SARFAESI एक्ट 2002 के तहत बैंक को यह अधिकार होता है कि वह अपने NPA (non-performing assets) लोन की वसूली के लिए लोन लेने वालों की प्रॉपर्टी की नीलामी (property auction rules) कर सके। इस प्रक्रिया के लिए बैंक को कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, बैंक पहले इस प्रयास में रहता है कि लोन चुकता हो जाए, ताकि नीलामी से बचा जा सके।
घर की नीलामी के बाद करे ये उपाय
अगर आपके घर या प्रॉपर्टी की नीलामी का एलान किया जाता है तो लोन लेने वालो को आखिरी मौका दिया जाता हुई अपनी प्रॉपर्टी को बचाने के लिएबकाया राशि चुका सके और नीलामी को रोक सके। अगर आपके घर की नीलामी को तारीख भी बैंक की ओर से तय कर दी जाए तो भी आपके पास इससे बचने का मौका तैयार है । इसके लिए आपको नीलामी की तारीख से पहले बैंक को ड्यू पेमेंट करके नीलामी प्रक्रिया को रुकवा सकते हैं। हालाँकि की नीलामी प्रक्रिया पर लगा चार्ज आपको देना पड़ सकता है।