House Construction :पुराना घर खरीदने जा रहे है तो पहले पढ़े ये खबर ,आपके है बड़े काम की

Saroj Kanwar
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घर खरीदना हर किसी का ख्वाब होता है। इंसान दिन रात जी तोड़ मेहनत करता है। सालों तक पाई-पाई जोड़ता है, तब कहीं डाउन पेमेंट भर का पैसा जुड़ता है। हालांकि घर खरीदने में लोगों को अक्सर एक से जूझना पड़ता है की घर नया खरीदे या पुराना। दोनों के अपने फायदे है। खरीदते हैं और नुकशान भी।

रियल इस्टेट केजानकर बताते है कीकई मौको पर पुराना घर खरीदना फायदे का सौदा हो जाता है। हालाँकि सभी जानकार इस बात की हिदायत जरूर देते हैं कि पुराना घर खरीदते समय प्रॉपर्टी एज जरूर से कर ले , तो आगे बढ़ने से पहले हमें यही जानते हैं कि प्रॉपर्टी एज
क्या चीज है। और इसे कैसे पता करते है।

क्या होता है प्रॉपर्टी एज

प्रॉपर्टी एज यानी संपत्ति की उम्र से मतलब है कि घर कितना पुराना है और अब उसकी कितनी लाइफ बची है। आम तौर पर किसी कंक्रीट स्ट्रक्चर की औसत उम्र 75 से 100 साल मानी जाती है ,यह कई कारको पर निर्भर करती है सामान्य तोर पर अपार्टमेंट की लाइफ 50 -60 साल ,जबकि जमीन पर बने मकानों की कीमत इससे ज्यादा होती है अपार्टमेंट में कॉमन यूज की कई चीजें होती हैं, इस कारण ऐसी इमारतों का ज्यादा इस्तेमाल होता है।

स्ट्रक्चरल इंजीनियर की लें मदद-

मकान या फ्लैट का लाइफस्पैन कंस्ट्रक्शन की क्वॉलिटी पर निर्भर करता है अगर पदार्थ की क्वालिटी अच्छी है तो 40 से 50 साल तक कोई दिक्कत नहीं होती घर कितना पुराना है और कितनी मजबूती बची है यह पता लगाने में स्ट्रक्चरल इंजीनियर आपकी मदद कर सकते हैं। वह कंस्ट्रक्शन के सैंपल के आधार पर चेक करता है किस तरह का मटेरियल इस्तेमाल किया है। मकान की कितनी स्ट्रैंथ यानी मजबूतीबची है। अपार्टमेंट के मामले बिल्डिंग प्लान से पता चलता है कि निर्माण कब शुरू हुआ था।

इस कारण कम होती है कीमत

पुराने घर केमामलो में एक और फायदे की बात है ये है सस्ता होता है लेकिन के सस्ते होने का कारण एज भी है। कोई भी प्रॉपर्टी जैसे पुरानी होती जाती है उसकी कीमत भी घटती जाती है। जाहिर सी बात है नए मकान के मुकाबले ठीक उसी तरह पुराने घर की कोस्ट कम होगी। पुराना मकान पूर्ण होने पर उसकी स्ट्रेंथ यानी मजबूत कम होती जाती ह। पुराना मकान या फ्लैट खरीदने से पहले स्ट्रक्चर इंजीनियर से घर की स्ट्रेंथ जरूर चेक करवाए। पुराने अपार्टमेंट की तुलना में नए बनने वाले अपार्टमेंट में खरीदारों को सुविधा ज्यादा मिलती है। रीडेवलपमेंट में पैसा खर्च नहीं होता है।

लोन देने से पहले बैंक करते हैं परख

प्रॉपर्टी कितनी पुरानी है उसकी लोकेशन क्या है , कैसा मटेरियल इस्तेमाल हुआ है प्रॉपर्टी की वैल्यूएशन इन तमाम चीजों का ध्यान रखा जाता है। बैंक भी लोन देते समय चेक कर लेते हैं जिस प्रॉपर्टी के लिए लोन दे रहा है उसमें दम है या नहीं। अगर घर ज्यादा पुराना है बैंक लोन लेने से पहले मोटिव देखते हैं। अगर आप तोड़कर फिर से मकान बनाने के लिए लोन लेते हैं तो आसानी से मिल जाएगा। बैंक देखता है की उसका पैसा सुरक्षित है या नहीं मतलब कल को अगर उसे प्रॉपर्टी पर कब्जा लेना पड़ा तो उसे अपनी कीमत मिलेगी या नहीं।

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