हाल ही में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने पेंशन धारकों के लिए मासिक पेंशन में वृद्धि की योजना बनाई है। ये नियम लाखों कर्मचारियों की राहत का संकेत है जो लम्बे समय से अपनी पेंशन को बढ़ाने की मांग कर रहे थे । वर्तमान में ईपीएफओ के तहत कर्मचारियों को केवल ₹1000 प्रतिमाह की पेंशन मिलती है जो की बढ़ती महंगाई और जीवन यापन के खर्चों को देखते ही बहुत कम है। इसलिए लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि EPFO ने मासिक पेंशन को कैसे बढ़ाने का निर्णय लिया है और इसके पीछे का कारण क्या है साथ ही हम इस नए नियम के प्रभाव में महत्वपूर्ण जानकारी पर चर्चा करेंग।
नई पेंशन योजना का विवरण
पिछले कुछ वर्षों से EPS – 95 के तहत पेंशन धारक अपनी पेंशन को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाए। यह बैठक 10 जनवरी 2025 को हुई थी जिसे EPS 95 राष्ट्रीय आक्रोश समिति के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पेंशनरों ने यह भी मांग की है कि उन्हें महंगाई भत्ता और अपने जीवन साथियों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में EPFO द्वारा प्रदान की जाने वाली न्यूनतम पेंशन हजार रुपए है जो कि कई वर्षों से अपरिवर्तित है। इस राशि को देखते हुए कई पेंशनर इसे अपर्याप्त मानते हैं। इसके अलावा पिछले कुछ वर्ष में महंगाई दर में वृद्धि ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
पेंशनरों की चिंताएं
पेन्शरों का कहना है कि ,हजार रुपए की मासिक पेंशन है उनके जीवन यापन के खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। कई लोग तो ऐसे हैं जो इस राशि से अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए उनकी मांग है कि सरकार इस राशि को बढ़ाकर कम से कम 7500 करें।
ट्रेड यूनियनों का दृष्टिकोण
ट्रेड यूनियनों ने भी इस मामले में अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने सरकार से न्यूनतम पेंशन को ₹5,000 प्रति माह करने की मांग की है। हालांकि, EPS-95 राष्ट्रीय आक्रोश समिति ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और इसे अपर्याप्त बताया है।