कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एक संवैधानिक निकाय है जिसका गठन भारत सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, अधिनियम 1952 के तहत EPF का प्रबंधन करने के लिए किया गया जिसका मुख्य लक्ष्य सेवानिवृत्ति के लिए लोगों को बचत करने हेतु प्रोत्साहित करना है। इसके लिए ईपीएफओ द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि योजना के अंतर्गत बचत की सुविधा प्रदान की जाती है।
हालांकि अक्षर लोगों के मन में सवाल रहता है कि EPF का सदस्य कौन बन सकता और कर्मचारी भविष्य निधि योजना में निवेश योजना क्या उन्हें क्या लाभ मिलेगा तो चलिए जानते इसकी पूरी जानकारी।
कौन बन सकता है EPF का सदस्य
बता दे किसी भीकिसी भी प्रतिष्ठान/ कंपनी का भविष्य निधि अधिनियम लागू हो वहां काम करने वाला कोई भी व्यक्ति जिसका मूल वेतन और महंगाई भत्ता मिलकर ₹15000 तक है वह EPF का सदस्य बन सकता है। ऐसी कंपनियां जिनमे 20 या उससे अधिक कर्मचारियों है,इनमे पीएफ योजना के अंतर्गत कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों ही महीने में बराबर का योगदान करते हैं जो मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% होता है। कंपनी के योगदान का 8.33 परसेंट का हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना के लिए जाता है।
PF में अंशदान वेतनमान के बाद 15 दिनों के अंदर जमा करना होता है जिसके लिए ऑनलाइन ईपीएफओ की ऑफिशल वेबसाइट पर कर्मचारियों को भुगतान की सुविधा दी गई है। अंशदान में देरी होने पर ईपीएफओ नियोक्ता/ कंपनी पर जुर्माने के साथ-साथ कार्यवाही भी कर सकता है।
बता दें किसी कंपनी में नौकरी करने वाले कर्मचारी जो ₹15000 से अधिक का वेतन प्राप्त कर रहे हैं उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का सदस्य बनने के लिए नियोक्ता की सहमति आवश्यक है। यदि दोनों की सहमति होती है तो इसी आधार पर नियोक्ता को क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में आवेदन करना होता है । जिसमे ईपीएफओ की स्वीकृति मिलने के बाद ही कर्मचारियों को EPF का लाभ दिया जाता है।
क्या है UAN नंबर
बता दे जब किसी नियोक्ता को EPF से स्वीकृति मिल जाती है तो नियुक्ति को अपने कर्मचारियों को PPF का सदस्य बनने पर उसकाUAN जनरेट करना होता है उन जिसका मतलब है यूनिवर्सल अकाउंट नंबर। ये एक12 अंको का नंबर होता है जिसे आईपीओ द्वारा प्रत्येक सदस्यों को दिया जाता है। यह EPFO सदस्य की आजीवन पहचान होती है।