12 महीना में सावन का महीना सबसे पवित्र माना जाता है । सावन महीने में भगवान शिव की पूजा आराधना करने से भगवान शिव प्र्शन्न हो जाते है। इस महीने में सभी मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं। सावन के पवित्र महीने भगवान शिव के आराधना का विशेष महत्व है। इस दौरान रुद्राभिषेक में भी 108 बिल पत्र चढ़ाने की परंपरा है। इस संख्या के पीछे का धार्मिक और ज्योतिषीय कारण क्या है 21 या 51 बेल पत्र चढ़ाने कोई प्रभाव होता है।
यह ज्योतिष में जानते हैं इसके प्रमुख कारण।
ज्योतिष के मुताबिक 108 की संख्या को सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। 108 ब्रह्मांडीय यह ऊर्जा और अनंतता का प्रतीक है। 1 का मतलब भगवान ,0 का मतलब पूर्णता और 8 का मतलब अनंत होता है। इसी कारण जपमाला में भी 108 मनके होते है। वेदो में 108 उपनिषदों का उल्लेख है। जिससे ये संख्या पवित्र मानी जाती है। ज्योतिष में 51 और 21 की संख्या शुभ मानी गयी है। विशेष परिस्थितियों में प्रयुक्त होती है। 21 या 51 बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन 108 का महत्व सबसे अधिक है उन्होंने स्पष्ट किया कि किस 51 बेलपत्र अर्पित करने से कोई ग्रह दोष नहीं होता है। यह संख्या केवल पूजा की विधि और श्रद्धा पर निर्भर करती है।
बेलपत्र को अच्छे से धोकर साफ करके ही अर्पित करें। बेलपत्र टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। बेलपत्र चढ़ाने से पहले शिव का ध्यान और मंत्रोच्चार करना चाहिए। बेल पत्र चढ़ाते समय ‘ॐ नमः शिवा’य मंत्र का जाप करें और एक-एक करके शिवलिंग पर चढ़ाये। धार्मिक दृष्टिकोण से 108 बिल्वपत्र चढ़ाने से भगवानशिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ज्योति से दृष्टिकोण की संख्या भक्ति के जीवन में ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करती है इससे व्यक्ति के जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है। ज्योतिष आचार्य का महत्व केवल संख्या तक सीमित नहीं है । व्यक्ति की श्रद्धा भक्ति पूजा की सुढ़ता पर निर्भर करता है 21 या 108 किसी भी संख्या में बेलपत्र अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जा सकती है पर पूजा विधिं सही होनी चाहिए।