कानूनन हेलमेट पहनना दोपहिया वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है और सुरक्षा के दृष्टिकोण से जरूरी है। लेकिन इसके बावजूद बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें हेलमेट पहनना एक झंझट लगता है । ऐसे लोग सिर्फ चालान काटने से बचने के लिए हेलमेट खरीदते हुए पहनते हैं। यह वह लोग होते हैं जिन्हे जिन्हे हेलमेट की क्वालिटी से कोई मतलब नहीं होता। यह लोग यह भी नहीं सोचते की घटिया हेलमेट का उपयोग करना उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
हेलमेट में से 25 फीसदी से ज्यादा हेलमेट तय किए गए मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं
मिली रिपोर्ट के अनुसार ,इन दिनों देश में बिक रहे हेलमेट में से 25 फीसदी से ज्यादा हेलमेट तय किए गए मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। इसलिए टू व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन को नकली और घटिया हेलमेट की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कुछ सलाह सुझाव देते हुए सरकार को कड़ी नियमों को बनाने के साथ ही विस्तृत नीति बनाने की और सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा है।
सस्ते के चक्कर में सड़क किनारे ₹500 से ₹700 के हेलमेट खरीदने से बचे
टूटू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (THMA) ने सरकार से क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर, की सख्ती के साथ टू व्हीलर चालकों से पालन करवाने की मांग की है। मालूम हो कि इस नियम के अनुसार सभी हेलमेट पर BIS अनिवार्य है। असली हेलमेट पर आईएसआई मार्क होता है। सस्ते के चक्कर में सड़क किनारे ₹500 से ₹700 के हेलमेट खरीदने से बचे।