Vijaya Ekadashi 2024: इस साल दो दिन है विजया एकादशी? गृहस्थ कब रखें व्रत? देखें पूजा मुहूर्त, पारण समय, महत्व

vanshika dadhich
3 Min Read

विभिन्न हिंदू व्रतों में से, एकादशी का व्रत या एकादशी व्रत सर्वोच्च प्रभाव रखता है और यह पूरे देश में एक लोकप्रिय और सबसे प्रतिष्ठित हिंदू रिवाज है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आमतौर पर पूरे वर्ष में 24 एकादशियां होती हैं। एक माह में दो एकादशियां होती हैं, एक कृष्ण पक्ष के समय और दूसरी शुक्ल पक्ष के समय।

विजया एकादशी का महत्व क्या है?

विजया एकादशी के महत्व का वर्णन कई हिंदू धर्मग्रंथों में किया गया है। ‘विजय’ शब्द का शाब्दिक अर्थ विजय है। विजया एकादशी का पालन और इसका व्रत व्रती को उसके जीवन की कठिन परिस्थिति और परिस्थितियों में सफलता और जीत प्रदान करता है। यह सभी प्रकार की बाधाओं और बाधाओं से राहत दिलाने में मदद करता है। यदि लोग इस दिन दान करते हैं और दान करते हैं, तो उन्हें अपने पिछले और वर्तमान पापों से छुटकारा मिलता है और फल भी मिलता है।

विजया एकादशी कब है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 06 मार्च दिन बुधवार को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से होगी। यह तिथि 07 मार्च दिन गुरुवार को प्रात: 04 बजकर 13 मिनट तक मान्य रहेगी। उदयातिथि के आधार पर विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च बुधवार को है और यह 7 मार्च गुरुवार को भी है।

गृहस्थ कब रखें विजया एकादशी व्रत?
गृहस्थ लोगों को विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च को रखना है, जबकि वैष्णव संप्रदाय और साधु-संन्यासी विजया एकादशी व्रत 7 मार्च को रखेंगे।

विजया एकादशी 2024 पूजा मुहूर्त
जो लोग 6 मार्च को विजया एकादशी का व्रत रखेंगे, वे सूर्योदय के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं क्योंकि उस समय से लाभ उन्नति मुहूर्त रहेगा। सुबह में आप 06:41 बजे से लेकर सुबह 09 बजकर 37 मिनट के बीच कभी भी पूजा पाठ कर लें।

वहीं जो लोग 7 मार्च को विजया एकादशी का व्रत रखेंगे, वे सुबह में शुभ उत्तम मुहूर्त 06:40 बजे से 08:08 एएम के बीच पूजा कर सकते हैं।

Also read: Laddu Gopal Bhog: लड्डू गोपाल को भोग में नमकीन और लड्डू खिला सकते हैं या नहीं, जाने

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *