जम्मू कश्मीर की रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में एक नई और पर्यावरण में संवर्धन पहल की शुरुआत है। इस पहल के अंतर्गत मंदिर द्वारा दर्शन करने वाली तीर्थ यात्रियों को प्रसाद के रूप में एक पौधा दिया जाएगा। इस अनूठे विचार का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सुधार को बढ़ावा देना है। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की यह पहल न भक्तों को धार्मिक संतोष प्रदान करते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक सशक्त संदेश देती है। यह पहल प्रतीकात्मक रूप से दिखाती है कि धर्म और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चला सकते हैं और इसे प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरणा मिल सकती है।
अपने आसपास के पर्यावरण को हरा भरा बना सके
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सहायक वन संरक्षण विनय खजूरिया ने बताया कि निहारिका भवन में कियोस्क स्थापित किया गया। वहां से भक्तों को पौधो प्रदान किए जाएंगे।ये पौधे वाले माता की कृपा की प्रतीक के रूप में उनके घर में लगाने के लिए दिए जाएंगे। जिससे वे अपने आसपास के पर्यावरण को हरा भरा बना सके।
खजूरिया ने ये जानकारी दी कि यह पहला पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ एक कदम के रूप में उठाई गई है। उन्होंने बताया कि श्राइन बोर्ड द्वारा हर साल लगभग 2 से 3 लाख फूलों के पौधे और एक लाख से अधिक वन प्रजातियों की पौधे लगाए जाते हैं।
बहुत ही जल्द श्राइन बोर्ड इस पहल को औपचारिक रूप से शुरू करेगा
खजुरिया के अनुसार ,बहुत ही जल्द श्राइन बोर्ड इस पहल को औपचारिक रूप से शुरू करेगा और तीर्थ यात्रियों का मंदिर परिसर में पौधे प्रदान किए जाएंगे। यह कदम न केवल धार्मिक बल्कि पर्यावरणीय महत्व का भी है। विशेष रूप से श्राइन बोर्ड ने कटरा के पास कुनिया गांव में एक उच्च तकनीक वाली नर्सरी स्थापित की है। जहाँ विभिन्न प्रकार के पौधों की खेती की जाती है इस नर्सरी में पैदा हुए पौधे न केवल भक्तों के दी जाती है बल्कि इससे स्थानीय पारिस्थतिकी तंत्र को भी बल मिलता है।