छुट्टियों में काम करें पहाड़ियों के बीच, ₹6000 में वर्क फ्रॉम हिल्स का अनुभव

Saroj Kanwar
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Work From Hills: सोचिए, सोमवार की सुबह है और अलार्म बजते ही दिमाग में ट्रैफिक, मीटिंग्स और डेडलाइन की चिंता छा जाती है। लेकिन अगर आप यह सब किसी खूबसूरत पहाड़ी गांव में, बर्फ से ढकी चोटियों और ताज़ी हवा के बीच करते तो कैसा होता? सिक्किम का छोटा गांव याकतेन अब इसे हकीकत बना चुका है।

यह गांव अब देश का पहला ‘डिजिटल नोमैड विलेज’ बन गया है। यहां कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स, फ्रीलांसर और रिमोट वर्कर्स लैपटॉप लेकर पहाड़ों की गोद में काम कर सकते हैं। गांव में हाई-स्पीड वाई-फाई, 24 घंटे बिजली और आरामदायक काम करने की जगह मौजूद है।

याकतेन का मौसम सालभर सुहावना रहता है। गर्मियों में तापमान लगभग 24°C और सर्दियों में 4°C तक होता है। गांव में 8 होमस्टे और 18 कमरे हैं। कोई भी व्यक्ति 6,000 रुपए प्रति हफ्ता या 15,000 रुपए प्रति महीने खर्च कर ठहर सकता है। लंबे समय तक ठहरने वाले लोगों के लिए लोकल कल्चरल एक्टिविटीज़ भी शामिल हैं। कुछ होमस्टे नाश्ता और खाने की सुविधा भी देते हैं।

याकतेन की लोकेशन भी सुविधाजनक है। यह गंगटोक से 30 किलोमीटर, बागडोगरा एयरपोर्ट से 125 किमी और न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 140 किमी दूर है। टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

इस पहल से गांव के लोगों की आमदनी सालभर होगी और इलायची की खेती पर निर्भरता कम होगी। सांसद इंद्रा हैंग सुब्बा ने इसे ‘टूरिज़्म विद पर्पस’ बताया। स्थानीय एनजीओ के संस्थापक का कहना है कि अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो इसे अन्य गांवों तक भी फैलाया जाएगा।

सिक्किम सरकार की “नोमैड सिक्किम” योजना के तहत यह प्रोजेक्ट डिजिटल नोमैड्स को आकर्षित करने के लिए शुरू किया गया है। भारत में फिलहाल करीब 17 लाख लोग हैं, जो दुनिया भर के डिजिटल नोमैड्स का लगभग 2% हिस्सा हैं।

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