सनातन धर्म के सभी त्योहारों में हरियाली तीज को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन महीने शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार ,इस बार यह व्रत 7 अगस्त को किया जाएगा। ये त्यौहार भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं 16 श्रृंगार की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करती है और व्रत का संकल्प लेती है।
क्या आपको पता है कि इस दिन सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार क्यों करती है। अगर नहीं है तो यहां बताते है।
हरियाली तीज के खास अवसर सुहागिन महिलाये सुबह स्नान कर साद वस्त्र दान करती है और सूर्य देव को जल अर्पित करे। सोलह श्रृंगार करती है। इसके बाद व्रत का संकल्प लेती है और देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना करती है। हरियाली तीज के दिन श्रृंगार करने का विशेष महत्व है।
धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां पार्वती प्र्शन्न होती है साथ ही माता पार्वती की साधक पर असीम कृपा भी होती है। इसी वजह से हरियाली तीज पर सुहागन महिलाएं 16 श्रृंगार करती है जिससे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है । अगर आप इस दिन किसी कारणवश 16 श्रृंगार नहीं कर पा रहे हैं तो नए वस्त्र अवश्य धारण करें और मेहंदी ,चूड़ी। बिंदी और सिंदूर से श्रृंगार करें।
पंचांग के अनुसार ,सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को 7:52 पर होगी। वहीं इसका समापन अगले दिन यानी 7 अगस्त को रात 10:05 सनातन धर्म उदया तिथि मान्य है। 7 अगस्त को हरियाली तीज मनाया जाएगी। हरियाली तीज का व्रत विवाहित महिलाओं के अलावा कुंवारी लड़कियां भी करती है। मान्यता की ऐसा करने सेमनचाहे वर प्राप्ति होती है। इसके लिए पूजा के दौरान कुंवारी कन्याओं को माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करनी चाहिए और मंत्रो का जाप करना चाहिए ।