गंगा यमुना की तरह नर्मदा भी लाखों लोगों के लिए आस्था का केंद्र हैजहाँ स्नान दान के के लिए दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु विजिट करते हैं। एक और ज्यादा नादिया पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा की ओर बहती है। वही क्या आप जानते हैं कि एक नदी ऐसी भी है जो पूर्व दिशा से पश्चिम की और जाते हुए बंगाल की खाड़ी की वजह अरब सागर के साथ मिल जाती है।
छोटी -बड़ी नदियों में से सिर्फ नर्मदा ही ऐसी नदी है जो उलटी दिशा में बहती है
जी हां भारत की तमाम छोटी -बड़ी नदियों में से सिर्फ नर्मदा ही ऐसी नदी है जो उलटी दिशा में बहती है इसे ‘आकाश की बेटी ‘कहते हैं। इतना ही नहीं इस नदी के साथ प्रेम ,विश्वासघात , अकेलेपन की कहानी भी जुड़ी हुई है। आईए जानते हैं कि आखिर क्यों कुंवारी है नर्मदा और क्यों उल्टा बहने का वैज्ञानिक कारण।
यही वजह है कि आज भी वह उल्टी दिशा में बह रही है
लोक कथाओ की माने तो एक सुंदर राजकुमार के रूप में से विख्यात सोनभद्र से बहुत प्यार करती थी । लेकिन उनकी किस्मत को दोनों का मिलन मंजूर नहीं था । नर्मदा को विवाह से पहले इस बात की जानकारी मिली कि सोनभद्र उनकी दासी जोहिला को पसंद करते हैं । ऐसे में प्रेम के बाद मिले अकेलेपन के बाद नर्मदा ने कुंवारी रहने और सोनभद्र मंदिर के विपरीत पश्चिम की ओर बहने का फैसला कर लिया। यही वजह है कि आज भी वह उल्टी दिशा में बह रही है।
रिफ्ट वैली को नर्मदा नदी के उल्टे बहाने की वजह माना जाता है
वही वैज्ञानिकों की मान्यता है की रिफ्ट वैली को नर्मदा नदी के उल्टे बहाने की वजह माना जाता है सीधे शब्दों में समझे तो नदी के प्रवाह के लिए जो उसका ढलान है उल्टी दिशा में है , ऐसे में जाहिर तौर पर ढलान के कारण ही नदी का प्रवाह उल्टा है। बता दे कि यह गुजरात और मध्य प्रदेश की मुख्य नदी है।