बिल्वपत्र पर अपना नाम और इच्छा लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से क्या होता है ?यहां जाने क्या विश्वप्रशिद्ध ज्योतिषी ने

Saroj Kanwar
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भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र का विशेष महत्व है। इसे अर्पित करने से शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है। लेकिन हाल ही में एक नई परवर्ती देखने को मिली है जहां भक्त अपने नाम और इच्छाओं को बेलपत्र पर लिखकर शिवलिंग पर अर्पित कर रहे हैं। इसलिए प्रश्न उठता है कि क्या ऐसा करना उचित है। क्या इससे भगवान शिव नाराज होते है। यहां जानते इसके बारे में।

बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है

काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य ने बताया कि बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसका उल्लेख शास्त्र में मिलता है । लेकिन बेलपत्र पर नाम या इच्छा लिखकर अर्पित करने की परंपरा शास्त्रों में कोई उल्लेख नहीं मिलता । उन्होंने बताया कि बेलपत्र पर सिर्फ और सिर्फ प्रभु श्री राम का नाम लिखकर शिवलिंग पर अर्पित किया जा सकता है । इससे इत्र अन्य नाम या इच्छा बेलपत्र अंकित करके उसे भगवान शिव को अर्पित करने का कोई भी विधान नहीं है इससे आप पाप के भागी बन सकते हैं।

शास्त्रों में उल्लेख -शास्त्रों में बेलपत्र को शुद्ध और पवित्रता का प्रतीक माना गया है इसे शुद्ध रूप से शिवलिंग पर अर्पित करना ही उचित माना गया है। बेलपत्र पर नाम लिखना या उसे किसी अन्य रूप में बदलना शास्त्रों की विपरीत है।

प्राकृतिक पवित्रता -बेलपत्र की प्राकृतिक पवित्रता को बनाए रखना जरूरी है उस पर नाम लिखना या किसी अन्य प्रकार की छेड़ छाड़ करने से उसकी पवित्रता भंग हो सकती है। जो उचित नहीं है ।

आस्था और विश्वास -भगवान शिव की आराधना में आस्था और विश्वास का प्रमुख स्थान है। सरलता और शुद्धता की शानदार अर्पित किया गया बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय होता है। अतिरिक्त आडंबर या विशेष प्रयासों की आवश्यकता नहीं होती है।

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