लहसुन की बढ़ती मांग और आसमान की छूती कीमतों को काबू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक पहल शुरू की है प्रदेश में लहसुन की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य के उधान और कृषि विपणन राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत इस योजना की शुरुआत की है।
इस मिशन को भारत सरकार से आर्थिक सहायता मिल रही है और इस प्रदेश की 45 जिलों में लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य किसानों को लहसुन की खेती की और आकर्षित करना और लहसून की उपलब्धता बढ़ाना है ताकि उसकी कीमतों को काबू में किया जा सके।
सिर्फ इन 45 जिलों में लागू होगी योजना
इन जनपदों में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, कानपुर, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, गोरखपुर, झांसी, अयोध्या एवं फर्रूखाबाद शामिल हैं। इस मिशन के अंतर्गत केन्द्रांश 60 प्रतिशत तथा राज्यांश 40 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की जानकारी दी है कि , योजना के तहत ,उत्तर प्रदेश में उद्यान विभाग द्वारा लहसुन की खेती के लिए प्रतिहेक्टेयर 30,000 रुपए की लागत तय की गयी है। इसके अंतर्गत किसानों को प्रति हेक्टेयर 40% यानी अधिकतम ₹12000 अनुदान मिलेगा। यह अनुदान प्रति किसान न्यूनतम 0.2 हेक्टर से लेकर अधिकतर 4 हेक्टर की खेती के लिए उपलब्ध होगा। किसानों को लहसुन के बीज भी राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान नई दिल्ली द्वारा उपलब्ध करवाए जाएंगे। बीज की कीमत 370 से 390 प्रति किलोग्राम के बीच होगी। योजना का उद्देश्य है की किसान लहसुन की खेती को अपनाएं जिससे बाजार में इसकी आपूर्ति और कीमतों में संतुलन आये।
किसानों को कराना होगा ऑनलाइन पंजीकरण
किसान इस योजना का लाभ प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं। इच्छुक किसानों को अपने जनपद के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क करना होगा। इसके साथ ही, किसान योजना में पंजीकरण करने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://dbt।uphorticulture।in पर भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
10 हजार हेक्टेयर लहसुन की खेती का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने लहसुन (lahsun ki kheti) की बढ़ती मांग और उसकी गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए, 10,000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य रखा है। इसके लिए मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत योजना बनाई गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना का प्रस्ताव कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Farmers Welfare), उद्यान अनुभाग, भारत सरकार को भेजा गया था, जिसे केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। इस पहल का उद्देश्य है कि लहसुन की खेती को बढ़ावा दिया जाए, जिससे बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़े और किसानों की आय में भी सुधार हो।