सचिन दास उन चुनिंदा युवाओं में से एक हैं, जिन्होंने अपने नाम का मान रखा और पिता की मेहनत को अंजाम तक पहुंचाया। पिता ने सचिन दास का नाम तेंदुलकर से प्रेरित होकर रखा था, जो आज अंडर19 टीम इंडिया के भरोसेमंद फिनिशर हैं। सचिन दास ने अंडर 19 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में 95 गेंद पर 96 रन की पारी खेली।
सचिन दास को हर कोई बेहतरीन फिनिशर के रूप में देख रहा है। सचिन दास महाराष्ट्र के बीड़ जिले के हैं, जो सूखाग्रस्त इलाका है। यहां ज्यादा क्रिकेट मैट पर खेला जाता है लेकिन पिता संजय दास और कोच शेख अजहर को जल्दी ही यह एहसास हो गया कि सचिन को सफल क्रिकेटर बनाना है तो टर्फ की विकेट चाहिए ही।
पिच हुई तैयार
कोच शेख कहते हैं- ‘हमने तमाम मुश्किलों के बावजूद पिच तैयार कर ली। लेकिन बीड़ में पिच को सही सलामत रख पाना भी बड़ी चुनौती थी। यहां पानी की समस्या थी। हमें हर दूसरे-तीसरे दिन पानी का टैंकर मंगाना होता था। सचिन के अंडर19 टीम में चुने जाने के बाद एकेडमी में क्रिकेट सीखने वाले बच्चे भी दोगुने हो गए हैं’।
टीम मैनेजमेंट ने दी फिनिशर की भूमिका
कोच अजहर के मुताबिक सचिन को टीम मैनेजमेंट ने फिनिशर की भूमिका दी है, जिसे वे बखूबी निभा रहे हैं। सेमीफाइनल में विनिंग पारी खेलने से पहले सचिन ने नेपाल के खिलाफ शतक भी लगाया था। इससे पहले के मैचों में उन्हें 20 से ज्यादा गेंदें खेलने को नहीं मिलीं लेकिन सचिन ने कम बॉल में भी तेजी से रन बनाकर अपनी काबिलियत साबित की है।